- घाटों पर पसरी पड़ी गंदगी, अमावस्या, पूर्णिमा पर स्नान करने आते है हजारों श्रद्धालु
देवास। जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश भर स्वच्छता अभियान चला रहे है। वहीं दूसरी ओर पावन क्षिप्रा नदी में गंदगी का साम्राज्य फैला हुआ है। यहां पर सिर्फ गंदगी ही नहीं बल्कि मृत मवेशियों के शव भी पानी में तैरते देखे जा सकते है। जबकि क्षिप्रा नदी से ही देवास शहर की जनता को पानी पिलाया जा रहा है। दुर्भाग्य है कि जिस क्षिप्रा नदी से देवास को पानी मिल रहा है, उसकी देखरेख करने के लिए न तो शासन-प्रशासन आगे आ रहा है और ना ही सामाजिक व राजनीतिक संस्थाएं आवाज उठा रही है। अब हालत इतने बदतर हो गए है कि अमावस्या, पूर्णिमा के दिन स्नान करने वाले श्रद्धालु बगैर स्नान करे ही वापस लौट रहे है या फिर मजबूरी में गंदगी के बीच डुबकी लगाकर अपनी आस्था को कायम रख रहे है।
गौरतलब है कि क्षिप्रा नदी का रखरखाव अभी तक ग्राम पंचायत क्षिप्रा के माध्यम से होता आया है, क्योंकि ग्राम पंचायतों में फिलहाल पर्याप्त धन राशि नहीं आ रही है, इसीलिए राशि के अभाव में ग्राम पंचायत ही सीमित संसाधनों से समय-समय पर नदी के घाटों की सफाई करवाती है, किंतु पूरी नदी की सफाई करवाना ग्राम पंचायत के बस की बात नहीं है। लिहाजा पिछले कई महीनों से सफाई के अभाव में क्षिप्रा नदी के घाट पर गंदगी का साम्राज्य फैला हुआ है और नदी में भी मृत मवेशी से लेकर अन्य गंदगी फैली हुई है। इस कारण अब बदबू भी आने लगी है।

