- कोरोना वैक्सीन को लेकर सरकार लापरवाह, मोदी है तो मुमकिन है इसलिए लाभार्थी की मृत्यु के 4 महीने बाद लगा कोविड का टीका
देवास। वैक्सीनेशन अभियान में हमारा देश, विश्व में अच्छा मुकाम हासिल करे इसके लिए राज्य सरकारों एवं केंद्र सरकार द्वारा कोई कसर नही छोड़ी जा रही है। प्रदेश सहित पुरे देश में ही कोविड टिके लगने के फर्जी आंकड़े सामने आ रहे है। मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अमितेश पाण्डेय द्वारा निज सचिव प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखकर, राज्य सरकारों की लापरवाही पर सवाल खड़े करते हुए मामले से अवगत कराया। मामला कुछ इस प्रकार हैं की शिवशंकर लोखंडे निवासी प्रताप नगर देवास की मृत्यु दिनांक 24/04/2021 को अमलतास अस्पताल बांगर में हुई थी उसके पश्चात भी मृतक व्यक्ति को कोविड टिके का द्वितीय डोज 18/10/2021 को पीएचसी हरदाई बरछाई ऊ.प्र. में लगाया गया एवम शासन द्वारा विधिवत प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है, जो की शासन के कार्यप्रणाली पर प्रशनचिंह है, मृतक व्यक्ति का टीकाकरण कर प्रमाणित करना सरकार की कोरोना वेक्सीन के प्रति लापरवाही है।
अमितेश पाण्डेय ने बताया कि स्व. शिव शंकर लोखंडे की मृत्यु 24/04/2021 को देवास जिले के अमलतास अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान अप्रैल माह में हुई थी। जिसका मृत्यु प्रमाण पत्र पंजीकरण दिनांक 22/05/2021 को एवं जारी करने की तिथि 26/05/2021 को देवास के रजिस्ट्रार जन्म मृत्यु ग्राम पंचायत बांगर जनपद पंचायत देवास के द्वारा जारी कर दिया गया था। पत्र के माध्यम अमितेश पाण्डेय ने कहा, यदि इस प्रकार की लापरवाही एवं उपेक्षा भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा की जाती है, तो कोरोना की इस जंग में कितने ही लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इस तरह की लापरवाही से कई लोगों को कोविड़ टीका बिना लगे प्रमाण पत्र जारी होने के कारण उनके वैक्सीनेशन होने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, जो आम जनता की सेहत स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। उक्त घटना एक बड़ी धांधली का भी विषय है। साथ ही अमितेश पाण्डेय ने कहा कि देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई मृतक व्यक्ति को पुन: जीवित किया गया हो। आज मोदी, योगी और शिवराज है तो मुमकिन है जैसे नारे यथार्थ चरितार्थ होते नजर आ रहे है, एक और तो माननीय प्रधानमंत्री जी कहते हैं की हमने कोवीड वैक्सीनेशन में 100 करोड़ का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है, वही दूसरी और फर्जी आंकड़े खोखली बातों की पोल खोलते नजर आते है, ऐसा कृत्य मृतक के स्वजन के साथ मजाक एवं उनकी भावनाओं को आहत करने वाला है।
प्रवक्ता अमितेश पाण्डेय ने बताया कि भारत सरकार की इस लापरवाही का खामियाजा आम जन को भुगतान पड़ा है। कई स्वास्थ्य केंद्र पर देखने मे आया कि व्यक्ति टिका लगाने गए और उन्हे यह कहा गया कि आप को दोनों टीके लग चुके हैं, कई लोग भारत सरकार द्वारा जारी फर्जी प्रमाण पत्र के कारण अपने दूसरे डोज से वंचित हुए हैं, सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदेश प्रवक्ता द्वारा जाँच की मांग की है एवम जिन्हें सरकार की लापरवाही के कारण टीके नहीं लग पाए है, ऐसे लोगों को चिंहित कर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाए ऐसी मांग की गई है।