निगम व संस्था द्वारा गौशाला के सफल संचालन को मनगढ़ंत तरीके व साजिश कर फैलाई जा रही भ्रामक जानकारियां

-लाखों रुपए के गबन कांड व धोखाधड़ी 420 सी में दो साल जेल काटकर जमानत पर बाहर आए सादिक अली द्वारा गौतस्करी कि साजिस से डरा धमका कर ब्लैकमेल किया जा रहा है

– गौशाला संचालक ने कलेक्टर, एसपी, सांसद, विधायक, आयुक्त सहित संबंधितों को कार्यवाही हेतु दिया आवेदन

देवास। शंकरगढ़ स्थित गौशाला का सफल संचालन संस्था अभिरंग द्वारा नगर निगम के सहयोग से विगत 2 वर्षो से किया जा रहा है। किंतु कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा मनगढ़ंत तरीके से साजिश रचकर हिंदओं की आस्था को ठेस पहुचाने और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे कि गंदी नियत से भ्रामक जानकारी सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से फैलाई जा रही है। उक्त व्यक्ति पर वैधानिक कार्यवाही को लेकर संस्था अभिरंग अध्यक्ष बसंत वर्मा ने संघ चालक, सांसद, विधायक, कलेक्टर, एसपी, आयुक्त सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को शिकायत आवेदन सौंपा है।
गौशाला संचालक बसंत वर्मा ने आवेदन के माध्यम से बताया कि संस्था अभिरंग जो कि नगर निगम देवास के अधिनस्थ होकर शंकरगढ पहाडी पर स्थित गौशाला का संचालन करती है। उक्त गौशाला का संचालन वर्ष जून 2021 से अनुबंध के तहत व्यवस्थित किया जा रहा हैं, किंतु विगत कुछ समय से सैय्यद सादिक अली निवासी स्टेशन रोड अम्बेडकर भवन के सामने सार्वजनिक कब्रस्तान देवास द्वारा द्वेष्तापूर्ण, मनगणन्त भ्रामक खबरे प्रचारित व प्रसारित की जा रही है।, जबकि उक्त व्यक्ति पूर्व में गौशाला संचालन में विक्रम कुमावत के साथ शामिल था। जिसके समय 150 से 200 गौवंश अव्यवस्थाओं व लापरवाही के चलते दलदल में फंसकर मरणासन्न कि स्थिति में आने और विक्रम कि आड़ में सादिक अली द्वारा गौतस्करी कि बर बार शिकायतों की जांच सही पाए जाने के बाद जिला प्रशासन जिला कलेक्टर महोदय के आदेश पर नगर निगम देवास द्वारा उक्त गौशाला अपने अधीन कर ली गई थी । आवेदन में उल्लेख किया गया कि सैय्यद सादिक अली द्वारा ही उन गायों का मास, चमड़ा व हड्डियों को बेचने का कार्य बहुत समय से किया जा रहा था। इस घटना को आसपास के रहवासी भी जानते है। सादिक अली की पहचान कसाईयों से पारिवारिक संबंध होने के करण गायों का मांस हड्डी व चमडा बेचने के कार्य में लिप्त था। सैय्यद सादिक अली ने गौशाला संचालन के समय गायों के जिंदा व स्वस्थ्य बच्चो को कसाईयों को बेचता था। पूर्व में भी सैय्यद सादिक अली द्वारा विक्रम कुमावत की आड़ में गाय बेचने का कार्य किया जा रहा था। चुकी गौशाला नगर निगम के हैंडऑवर होने से इसकी आय बंद होने के कारण यह नगर निगम पर व नगर निगम के अधनिस्थ कार्य करने वाली संस्था अभिरंग पर अनर्गल आरोप लगा रहे है। ये सारी भ्रामक जानकारियां गौ तस्करी की आय बंद होने के कारण बौखलाए, सादिक अली ब्लकमैलिंग के धंधे में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगडने की मंशा से गौमाता की हो रही सुचारू व्यवस्था को भंग कर वापस अपने हैडऑवर कर पूर्व कि भांति ही अपना गौ तस्करी का व्यापार शुरू करना चाहता है। इसी गंदी नियत से सादिक अली द्वारा चाहे जब नगर निगम द्वारा संचालित गौशाला को मनगढ़ंत व खुद के समय खींची गई फोटो को वर्तमान का बताकर नगर निगम व अधिनस्थ संस्था अभिरंग को बदनाम करने की मंशा से सुचारू चलित गौशाला व गौमाता को जो हिंदू धर्म में सर्वपूज्नीय है को बदनाम करने का कु-कृत्य किया जा रहा है। सादिक अली द्वारा गौशाला में गायों के काटने व बेचने जैसे गंभीर आरोप लगाकर नगर निगम व संस्था की छवि धूमिल करने की सोची समझी साजिश करी गईं है। जबकि यह कार्य पूर्व में विक्रम कुमावत के समय सादिक अली खुद किया करता था। इसकी पहचान भी कसाई के रूप में है।
संस्था अभिरंग अध्यक्ष बसंत वर्मा द्वारा ये भी बताया गया हैं कि सैय्यद सादिक अली श्रीगंगानगर राजस्थान में लाखों रूपए के गबन काण्ड व धोखाधडी 420 में दो साल जेल काटकर वर्तमान में जमानत पर यहां बाहर आए है। उक्त प्रकरण की प्रति व कोर्ट की प्रति भी संलग्न है।
गौशाला संचालक व संस्था अभिरंग अध्यक्ष ने आवेदन देकर मांग की है कि सैय्यद सादिक अली अपने किसी सेटिंग बाज फ्राड विबादित चाचा के मार्गदर्शन व साठगाठ से नगर निगम एवं संस्था द्वारा सुचारू और व्यवस्थित चल रही, गौशाला को बदनाम कर साम्प्रदायिक सौहाद्र बिगाडऩे की मंशा से जो भ्रामक प्रचार प्रसार कर रहा है। इसकी निष्पक्ष रूप से जांच कर साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिय सादिक अली के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावे।

Post Author: Vijendra Upadhyay