राम ने सत्ता के लिए राज नहीं किया सत्ता में धर्म के साथ रामराज्य स्थापित किया -साध्वी ऋतुम्भरा दीदी मां


देवास। चैत्री नवरात्रि पर कैलादेवी मंदिर में हो रही श्रीराम कथा के तीसरे दिवस राम नवमी के पर्व पर कथा प्रसंग में राम जन्मोत्सव मनाया गया जिसमें देश की महान आध्यात्मिक प्रवक्ता राम मंदिर निर्माण के नीव की पत्थर साध्वी ऋतुम्भरा दीदी मां ने कथा सभा में वर्चुअल रूप से उपस्थित होकर राम भक्त एवं श्रोताओं कोे राम जन्म महोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि प्रभु राम ने सत्ता के लिए राज नहीं किया सत्ता में धर्म के साथ राम राज्य स्थापित किया है। जब तक सनातन है, तब तक मेरे प्रभु राम है। आज प्रभु श्रीराम के मस्तक पर सूर्य ने हस्ताक्षर कर यह सिद्ध कर दिया कि भारत में राम राज्य का उदय हो चुका है। साथ ही कथा आयोजक मन्नुलाल गर्ग की अपार आस्था को साधुवाद देते हुए कैलादेवी मंदिर समिति और आयोजकों के प्रति क्षमा व्यक्त करते हुुए कहा कि स्वास्थ्य खराब होने के कारण मैं नहीं आ पाई पर भविष्य में मैं देवास जरूर आउंगी। साध्वी सत्यप्रिया की प्रशंसा करते हुए कहा कि आप सभी राम भक्त सत्यप्रिया की कथा से मंत्र मुग्ध हो रहे है यह मेरे लिए गौरव की बात है।
राम कथा में प्रभु श्रीराम के अवतार का वर्णन करतेे हुए व्यासपीठ से साध्वी सत्यप्रिया ने माता पार्वती द्वारा भगवान शंकर से श्रीराम कथा श्रवण करने का वर्णन बड़ी ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया। आपने कहा कि निर्गुण और सगुण एक ही हैं। निर्गुण का एक स्वरूप नहीं होता, सगुण का होना बिना कारण नहीं होता। धरती पर जब भी पाप बढ़ता है धर्म और धैर्य की हानि होती है तब सज्जनों की पीड़ हरने के लिए हरि अवतार लेते हैं। राम अवतार के अनेक कारणों का वर्णन करते हुए कहा कि जब नारद जी को काम देव का जीतने का अहंकार आ गया था तब भगवान विष्णुु ने उनके अहंकार और मोह को नष्ट करनेे के लिए उन्हें वानर रूप प्रदान किया था। नारद जी द्वारा भगवान विष्णु को श्रापित करने का भी कारण है प्रभु राम का अवतार। धर्म सत्य पर टिका है किंतु परिस्थिति वश असत्य बोलकर धर्म की रक्षा करने का जब सवाल खड़ा होता है तोे असत्य भी धर्म सत्य है। गाय के दर्शन से गरीब को भी दरिद्रता नहीं आती। राम अवतार पर मनु और श्रृत्रुपा से बनी मान सृष्टि का आपने आध्यात्मिक वर्णन किया। आपने कहा कि तीर्थ क्षेेत्र में पवित्र आत्माएं होती है। इसलिए तीर्थो में जाने के बाद आप उन भावों कोे लेकर आए कि आपका घर तीर्थ बन जाए। कथा प्रसंग में जीवन कल्याण के अनेक सूत्रों को सरलता से व्यक्त करते हुुए आपने श्रोताओं को बांधे रखा। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति से कथा को आनंदमय बनाया। राम महोत्सव की सुंदर झांकी प्रस्तुत की गई। राष्ट्रीय कवि देव कृष्ण द्वारा रामलला की लिखी गई आरती के साथ प्रभु राम की आरती हुई।आरती में विशेष रूप सेे राजेश यादव, शैलेन्द्रसिंह राजपूत, राजेश खत्री, डॉ. डी.पी.श्रीवास्तव, कमल बर्डिया, विनोद महाजन, हरीश मंगल, महेन्द्र कराड़ा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य उपस्थित थे। व्यासपीठ की पूजा विनोद महाजन ने सपरिवार के साथ की। कथा में बड़ी संख्या में महिला एवं पुरूष उपस्थित थे।

Post Author: Vijendra Upadhyay