सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित निलंबित
वीडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर गिरी गाज
देवास। शराब ठेकेदार दिनेश मकवाना द्वारा की गई आत्महत्या मामले में अब शासन एक्शन मोड पर आ गया है। दिनेश मकवाना का वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश जारी किए है। इस संबंध में मप्र शासन वाणिज्य कर विभाग उप सचिव श्रीमती वंदना शर्मा द्वारा जारी आदेश में लिखा है कि सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि जिला देवास के मदिरा ठेकेदार दिनेश मकवाना द्वारा आत्महत्या किये जाने के पूर्व एक वीडियो बनाया था। कथित वीडियो में जिले की प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त श्रीमती मंदाकिनी दीक्षित के विरुद्ध अवैध राशि की मांग का गंभीर आरोप लगाते हुए आत्महत्या करने की बात कही गई है। श्रीमती दीक्षित पर लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टयां अत्यंत गंभीर श्रेणी में होकर शासकीय सेवक के कर्तव्यों एवं दायित्वों के विपरीत होने से मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है। अतएव राज्य शसन द्वारा श्रीमती मंदाकिनी दीक्षित को मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित करता है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कार्यालय आबकारी आयुक्त ग्वालियर रहेगा। उल्लेखनीय है कि गत 8 नवंबर को देवास जिले में डबलचौकी, चापड़ा एवं करनावद समूह की 5 लाइसेंसी शराब दुकानों के ठेकेदार दिनेश मकवाना ने इंदौर में जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में इंदौर के कनाडिय़ा थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच की जा रही है। कनाडिय़ा पुलिस आत्महत्या मामले की जांच कर ही रही थी, इसीलिए मृतक शराब ठेकेदार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें उसने आबकारी अधिकारी मंदाकिनी दीक्षित पर हर दुकान से डेढ़ लाख रुपये की अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए आत्महत्या करने की बात कही थी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद आबकारी विभाग में हड़कंप मच गया था। वीडियो वायरल होने के बाद जहां कनाडिय़ा थाना पुलिस ने वीडियो की जांच करवाने की बात कही थी। वहीं देवास कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने कहा था कि वीडियो को संज्ञान में लेकर जांच आगे बढ़ाई जा रही है, रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। उधर मामला उजागर होने के बाद देवास के एक ओर शराब ठेकेदार ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि जिले में ऐसे कई ठेकेदार है, जो वर्तमान में विभाग की अवैध वसूली के शिकार है, किंतु व्यापार प्रभावित होने के चलते वे चुप्पी साधे हुए है।


