आज दिनांक 25.08.2018 को नगर निगम द्वारा हितग्राही मूलक योजनाओ का लाभ वितरण समारोह आयोजित किया गया था।
उक्त कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र (कार्ड) छपवाए गए थे उसमें निवेदक विशाल सिंह चैहान जी आयुक्त एवं बाबु यादव जी प्रभारी शहरी गरीबी उपशमन विभाग का नाम अंकित था।
चूकि उक्त कार्ड में मंत्री श्री थावरचन्द गैहलोत जी एवं सांसद मनोहर ऊटवाल जी, विधायक गायत्रीराजे पवार जी, महापौर सुभाष शर्मा जी सभापति श्री अंसार अहमद जी के साथ-साथ भाजपा के जिलाध्यक्ष नन्दकिशोर पाटीदार जी मंडल अध्यक्ष दिलीप आवटे जी एवं ओम जोशी जी तक का नाम शामिल है।
उक्त कार्यक्रम में नगर निगम के सतापक्ष नेता श्री मनीष सेन जी एवं प्रतिपक्ष नेता विक्रम पटेल जी का कही भी नाम अंकित ना होना दर्शाता है कि जानबूझकर पार्षदो के नेताओ को अपमानित करते हुए बेइज्जत कर निगम परिषद को नीचा दिखाया जा रहा है। इसलिए कार्यक्रम में पाषर्दो की उपस्थिती न के बराबर थी।
सवाल भाजपा या कांग्रेस के पार्षद या उनके नेताओ का नही है अगर नगर निगम आयोजक है तो उसके पदाधिकारियो को बेइज्जत नही करना चाहिए यह स्वस्थ परंपरा नही है।
सतापक्ष नेता एवं प्रतिपक्ष नेता का नगर निगम के कार्यक्षैत्र में अपना महत्व है। इनके महत्व को कम नही आकां जाना चाहिए।
श्री राजानी ने आरोप लगाया कि उक्त कार्यक्रम को सरकारी के बजाय पूरी तरह भाजपाई कर दिया गया था। इस तरह के कार्यक्रमो से आमजन का भला होता नही दिख रहा है।

