किसान आंदोलन को लेकर भारत बन्द का असर देवास में रहा बेअसर

  • कांग्रेस ने ज्ञापन देकर की औपचारिकता पूरी

देवास। केंद्र सरकार द्वारा कृषि पर लाए गए अध्यादेश के विरोध में पिछले कई दिनों से दिल्ली बार्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है और अब इस आंदोलन की हवा पूरे देश में लाने के प्रयास किये जा रहे है। इसी क्रम में कई किसान संगठनों द्वारा 8 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया था। जिसका समर्थन कांग्रेस सहित कई विपक्षी संगठनों द्वारा करने का एलान तो कर दिया, किंतु 8 दिसंबर को इन संगठनों द्वारा सिर्फ रस्म अदायगी की गई।
इसी का परिणाम रहा कि देवास शहर में बंद का असर नहीं दिखाई दिया, बल्कि कुछेक दुकानें ही बंद रही। अधिकांश मार्केट खुले रहे। हालांकि जिले के खातेगांव में बंद का व्यापक असर देखा गया। जबकि टोंकखुर्द, सोनकच्छ, हाटपीपल्या, बागली में बंद का मिला-जुला असर देखा गया। देवास शहर में प्रमुख बाजारों के साथ ही सब्जी मार्केट भी पूरी तरह खुले रहे, जहां पर लोग सामान्य रूप से खरीदी करते रहे। खास बात यह रही कि राष्ट्र व्यापी बंद का समर्थन प्रमुख विपक्षी संगठन कांग्रेस ने किया था, किंतु देवास में कांग्रेसी कार्यकर्ता बाजार बंद कराने के लिए सड़क पर नहीं उतरे और ना ही किसी प्रकार के प्रयास किए गए, बल्कि ज्ञापन देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। या यूं कहा जाए कि समर्थन की औपचारिकता पूरी कर ली। जबकि भाजपा ने व्यापारियों से अपने-अपने कारोबार खुले रखने का आह्वान किया था। भाजपाई भी शहर की सड़कों पर नजर नहीं आए, बल्कि व्यापारियों ने स्वेच्छा से ही अपने व्यापार खुले रखे और इस तरह बंद पूरी तरह बेअसर हो गया। 

Post Author: Vijendra Upadhyay