भाजपाई गुटबाजी दिखी ब्रिज के लोकार्पण समारोह में

– शिलालेख पर नाम थे, किंतु कार्यक्रम में नहीं दिखे

देवास/ भाजपा अनुशासित समझी जाने वाली पार्टी है किन्तु इसमें अभी भी गुटबाजी चरम पर है। जिसके उदाहरण आए दिन देखने को मिलते है। शनिवार को रेलवे ओवर ब्रिज के लोकार्पण समारोह में भी गुटबाजी साफ दिखाई दी और इसी के चलते पूर्व महापौर सुभाष शर्मा तथा पूर्व निगम अध्यक्ष अंसार अहमद ने इस लोकार्पण कार्यक्रम से किनारा कर लिया। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष नरेंद्रसिंह राजपूत कार्यक्रम में तो पहुंचे, किंतु बमुश्किल 10 मिनट रुकने के बाद वहां से रवाना हो गए।
इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि लोकार्पण कार्यक्रम के प्रेस नोट में सिर्फ तीन अतिथि सांसद, विधायक व भाजपा जिलाध्यक्ष के नाम थे। जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष, पूर्व महापौर व पूर्व सभापति को नजरअंदाज किया गया था। हालांकि रात होते-होते परिस्थिति बदली और विरोध के स्वर मुखर हुए तो आनन-फानन में लोकार्पण के शिलालेख पर सांसद, विधायक, भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ जिपं अध्यक्ष, पूर्व महापौर व पूर्व सभापति के नाम भी अंकित हो गए। शिलालेख पर नाम तो अंकित हो गए, किंतु कार्यक्रम की विधिवत सूचना फिर भी नहीं दी गई। लिहाजा सुभाष शर्मा व अंसार अहमद ने तो कार्यक्रम से किनारा कर लिया और जिपं अध्यक्ष राजपूत अपने शासकीय बंगले से महज 50 मीटर की दूरी पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे तो सही, किंतु स्वागत व पहले भाषण के बाद ही वहां से रवाना हो गए।

हालांकि इसके पीछे राजपूत का कहना था कि उन्हें एक अन्य कार्यक्रम में जाना था। जबकि पूर्व महापौर शर्मा का कहना है कि रात तक मेरा अतिथियों की सूची में नाम नहीं था और ना ही मुझे किसी ने विधिवत सूचना दी, इसीलिए मैं कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि दिवंगत विधायक तुकोजीराव पवार की प्रेरणा से ही मैंने तत्कालीन सांसद मनोहर ऊंटवाल के साथ भोपाल से लेकर दिल्ली तक इस ब्रिज के लिए दौड़-भाग की थी। नगर निगम में भी प्रस्ताव पास किया था, किंतु आज देखने में आया कि जिन लोगों ने ब्रिज के लिए मेहनत की, उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। जबकि अंसार अहमद से संपर्क नहीं हो सका। जबकि सेतु निगम के अधिकारियों का कहना था कि हमने प्रोटोकॉल के तहत अतिथियों के नाम तय किये थे।

Post Author: Vijendra Upadhyay