“राजे योग” ही तय करेगा देवास का नया महापौर

– भाजपा में मनमुटाव के बाद सब हुए एक, कांग्रेस में अभी भी गुटबाजी

– विजेंद्र उपाध्याय, देवास

देवास। नगरीय चुनाव को लेकर टिकिट फाइनल होने के पहले ही हमारे द्वारा बताया गया था कि देवास में नए महापौर के लिये “राज योग” के साथ “राजे योग” भी जरूरी है। क्योंकि “राज योग” के साथ ही “राजे योग “ही नया महापौर तय करेगा।
जो कि सच भी है, देखा जाए तो भाजपा में महापौर से लेकर पार्षदों के टिकिट में पैलेस का हस्तक्षेप रहा। जहाँ तक कुछ वार्डो की बात करे तो वह अपवाद हो सकते है। संभवत वहां परिणाम अप्रत्यक्ष भी देखने को मिल सकते हैं। वही कुछ वार्डो के भाजपा बागियों को मानने में भी पैलेस की अहम भूमिका रही है। पैलेस और संगठन दोनो ही यही चाहेगे की नगर निगम में एकाधिकार भाजपा का ही रहे। जिसके लिए आपसी सामंजस्य बना कर प्रचार – प्रसार भी करना जरूरी है। जो कि दिख भी रहा है।

जब देवास से भाजपा के महापोर उम्मीदवार गीता दुर्गेश अग्रवाल का नाम आया था तो कही नकारात्मक बाते बाज़ार में होती रही। क्योकि जब प्रमुखता से पूजा रवि जैन का नाम चल रहा था। रवि जैन सामाजिक और धार्मिक कार्यो में तो आगे रहते ही है। परंतु उनकी आज की विचारधारा, व्यवसायिक सोच और हमेशा नया करने का जज्बा सभी को मोहित कर रहा था। इसलिये अंतिम समय पर उनका नाम कट कर गीता दुर्गेश अग्रवाल का नाम आया तो कई लोग हताश भी हुए। हालांकि की दुर्गेश अग्रवाल भी वरिष्ठ नेता है और स्व. महाराज तुकोजीराव पवार के खास रहे हैं। कृषि उपज मंडी के कार्यो में उनका एकछत्र राज रहा है। उनकी सूझ बूझ से कई कार्य भी हुए है। वही माता परिक्रमा के धार्मिक आयोजन में उनके नाम को अलग पहचान मिली है।
खैर यह सब राजनीति का हिस्सा है, आज जो आपके करीब है, वह कल शायद आपसे दूर हो जाये। वही जो आज आपसे दूर है, वह कल आपके करीब आ जाये।

– महापौर प्रत्याशी के समर्थन में दमदारी से साथ मे है पैलेस

महापौर प्रत्याशी के समर्थन में यहां भी पैलेस ने अपनी दमदारी दिखाई और नामांकन रैली में जो अपनी महत्वपूर्ण भूमिका दिखाई उससे बाज़ार का माहौल एक दम बदल गया। क्योकि इस रैली से यह सिद्ध हो गया कि महापौर चुनाव भी अब पैलेस ही लड़ रहा है। आज हर और भाजपा की उम्मीदवार ही जीतेगी की बात होने लगी है। हालांकि की यह भी सही है कि देवास में भाजपा का गढ़ ही रहा है। लेकिन पिछले कुछ चुनावों में निर्देलिय उम्मीदवार महापौर भी बने है।
देखा जाए तो नाम वापसी के बाद अब महापौर उम्मीदवार के लिए 6 प्रत्याशी मैदान में बच गए है। जिनमें भाजपा से गीता अग्रवाल, कांग्रेस से विनोदिनी व्यास, आप से चाना ज्ञानेश, बहुजन समाज पार्टी से निकिता सूर्यवंशी, निर्दलीय मनीषा चौधरी व जुबैदा बी शामिल है। हालांकि इस बार भी परंपरागत रूप से भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी के बीच में ही सीधी टक्कर होगी और कांग्रेस से बागी हुई निर्दलीय प्रत्याशी मनीषा चौधरी भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा सकती है। वेसे भी देवास काग्रेस की बात करे तो वहां हर कोई गुटबाजी का शिकार हो रहा है।
उधर आप पार्टी ने भी पहली बार महापौर पद के लिए युवा व शिक्षित चेहरा मैदान में उतारा है। ऐसे में गीता दुर्गेश अग्रवाल और उनके सामने कांग्रेस से उम्मीदवार विनोदिनी रमेश व्यास की बात करे तो दोनो ही उम्मीदवार एक जैसे है। दोनो ही महिलाओं ने राजनीतिक कार्य नही किये है। दोनो के पति ही राजनीति में अपनी अपनी पार्टी में अच्छी पकड़ रखते हैं। ऐसे में वोटर दोनो की तुलना करते है तो भाजपा प्रत्याशी ही भारी है।
मतलब यहां साफ प्रतीत होता है कि महापौर वही बनेगा जिसमे “राज योग” के साथ “राजे योग” भी मजबूत है।

Post Author: Vijendra Upadhyay