महिला बाल विकास अधिकारी रिश्वत लेते गिरफ्तार
लोकायुक्त ने देवास में बिछाया जाल
देवास। मध्यप्रदेश में सरकारी तंत्र के भीतर फैले भ्रष्टाचार पर लोकायुक्त की लगातार कार्रवाई के बावजूद रिश्वतखोरी के मामलों में कमी नहीं आ रही है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लगभग हर दूसरे दिन किसी न किसी अधिकारी या कर्मचारी को रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा जा रहा है। इसी क्रम में देवास जिले में महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी रामप्रवेश तिवारी को लोकायुक्त उज्जैन की टीम ने एक व्यवस्थित और गोपनीय कार्रवाई के अंतर्गत गिरफ्तार किया।
पूरे प्रकरण की शुरुआत तब हुई जब बागली घाट परियोजना में प्राइवेट कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत प्रीतेश तंवर ने शिकायत दर्ज कराई कि अधिकारी रामप्रवेश तिवारी उससे दो महीनों की सैलरी के बराबर 18 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं। फरियादी पहले ही 4 हजार रुपये आरोपी को दे चुका था और शेष राशि की लगातार मांग की जा रही थी। परेशान होकर उसने लोकायुक्त उज्जैन कार्यालय में शिकायत की, जिसकी प्रामाणिकता की पुष्टि जांच में हो गई।
इसके बाद लोकायुक्त ने योजनाबद्ध तरीके से आरोपी को पकड़ने के लिए ट्रैप की तैयारी की। फरियादी को 5 हजार रुपये की रकम देकर अधिकारी को फोन करने के निर्देश दिए गए। बातचीत में अधिकारी ने बताया कि वह देवास में कलेक्टर की बैठक में भाग लेने जा रहा है और वहीं पर रकम ले लेगा। तय समय पर फरियादी देवास स्थित महिला बाल विकास कार्यालय पहुंचा। थोड़ी देर बाद आरोपी अधिकारी वहां आया, फरियादी को अपनी कार में बैठाया और रकम लेने के बाद कार आगे बढ़ाई। ठीक इसी समय लोकायुक्त की टीम ने मौके पर पहुंचकर कार को रोक लिया और अधिकारी रामप्रवेश तिवारी को रिश्वत की राशि के साथ रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। कलेक्टर की बैठक में पहुंचने से पहले ही अधिकारी की गिरफ्तारी ने जिले में हड़कंप मचा दिया और एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के मामलों में लोकायुक्त की निगरानी और कार्रवाई दोनों बेहद सक्रिय हैं।


