रक्षा बंधन पर ग्रहण का असर…

पं.एल.एन.तिवारी(शास्त्री), देवास
मो. 9755111711
……..…………………………..
बहनों को ग्रहण के सूतक में राखी बांधना चाहिए या नहीं उसको लेकर में ‘ *निर्णय सिंधु ‘* के *परिच्छेद २ पेज नंबर 180 में लिखा हुआ* है कि ” *इदं रक्षाबंधनं नियतकालत्वात भद्रावर्ज्य ग्रहणदिनेपि कार्यं होलिकावत् । ग्रहणसंक्रांत्यादौ रक्षानिषेधाभावात् ।”** इसी निर्णय सिंधु के पेज 180 पंक्ति नं 11 में पढ़े जिसमे लिखा हुआ है कि रक्षाबंधन नियत काल मे होने से भद्रा को छोड़ कर ग्रहण के दिन भी होली के समान ही करना चाहिए । आगे पढ़ें उसमें लिखा हुआ है कि ग्रहण का सूतक अनियतकाल के कर्मों में लगता है जबकि राखी श्रावण सुदी पूर्णिमा को ही मनाया जाता है । रक्षा बंधन को ना पहले दिन ना दूसरे दिन मनाया जाता है । उसी दिन मनाया जाता है इसलिए नियत कर्म होने के कारण इसको ग्रहण का दोष नहीं लगता है । सभी सनातन प्रेमियों से निवेदन है कि आप रक्षाबंधन 7 अगस्त को 11. 08 के बाद पूरे दिन आराम से कर सकते है । अफवाहों से दूर रहे जिनको पूरा ज्ञान नहीं है वे लोग विरोध ही करेंगे । सभी से निवेदन है कि ज्यादा से ज्यादा शेयर करे जिससे लोग त्यौहार का पूरा आनंद ले सके 11 बज कर 7 मिनट तक भद्रा है उसके पश्चात आराम से रक्षाबंधन त्यौहार को आनंद से मनाएं धन्यवाद???????
इति शुभम।।
         
         

Post Author: Vijendra Upadhyay

Leave a Reply