सज्जन के बोल वचन कही कांग्रेस को भारी न पड़ जाए


देवास। राजनीति दलों के नेता जो दिन रात मीडिया में बने रहने के लिये बिना काम के प्रेसनोट जारी करते रहते है। लेकिन जब जो सच्चाई दिखती है वह भी मीडिया नजरअंदाज न करते हुए उसे भी अपने माध्यम से प्रसारित करता है। जो कि मीडिया का यह अधिकार भी है लेकिन नेताओ को यह हजम होता नही है और वह पड़ जाते है उल्टी सीधी बयान बाजी के चक्कर मे।

हाटपिपल्या उपचुनाव के कांग्रेस के प्रचार प्रसार कार्यक्रम में कांग्रेस की गुटबाजी दिखी। जिसे मीडिया ने अपने प्लेटफार्म के माध्यम से आम लोगो तक पहुचाया। उसी विषय पर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने अपने बयान जारी किए जिसमे उन्होंने मीडिया को ही बिकाऊ बता दिया। मीडिया को बिकाऊ बोलने के बाद मीडिया में इस बात का रोष है। सभी सज्जन के बोल से काफी नाराज है। हो सकता है यह नाराजगी कांग्रेस को भारी भी पड़ जाए।
लेकिन बड़ी बात यह है कि सज्जन जी को यह मीडिया आज ही क्यो बिकाऊ लग रही है जिसने एक समय इन्हें भी हीरो बनाया है।
क्या मीडिया तब तक ही आपके लिये ठीक है जब तक सिर्फ आपके पक्ष की खबरो को ही महत्व देती रहे?

क्या मीडिया तब बिकाऊ नहीं थी जब आजादी से लेकर आज तक देश के सत्ताधारी लोगो ने मीडिया का गलत उपयोग कर मीडिया को सिर्फ सेक्युलर, वामपंथी सोच में बांध रखा था?

लेकिन अब समय वह नहीं है अब मीडिया के लोगो का भी राष्ट्रवाद जाग चुका है ओर जो सच है वह अब बताने में पीछे नही हटती है। मीडिया देश का चौथा स्तम्भ है अगर यह सही दिशा में चला तो देश को एक नई दिशा प्रदान होगी।

Post Author: Vijendra Upadhyay