देवास। देवास शहर के विभिन्न समाजों, वरिष्ठ नागरिकों ने शहर की प्राचीन धरोहरों की रक्षा हेतु मुख्यमंत्री के नाम सामूहिक ज्ञापन जिलाधीश कार्यालय में तहसीलदार श्री पाटीदार को सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि पुरातत्व विभाग द्वारा निरीक्षण की गई प्राचीन धरोहरों को मास्टर प्लान 2012-2031 के प्रावधानों के अनुसार संरक्षण दिया जाए। मल्हार स्मृति मंदिर उद्यान जिसका वास्तविक नाम श्रीमंत सदाशिव पवार उद्यान है को मुुख्य द्वार पर अंकित किया जाए, श्रीमंत सदाशिव पवार की प्रतिमा जो कि स्व. डॉ. राजेन्द्र्र प्रसाद द्वारा स्थापित की गई थी उसका जीर्णोद्धार किया जाए। यह उद्यान मास्टर प्लान के हिसाब से हरियाली क्षेत्र है जिसमें अवैध निर्माण किया गया है उसे हटाकर इसका मूल रूप कायम किया जाए। मल्हार स्मृति मंदिर में सन् 1939 में बनाए गए पुराने तेल चित्रों को प्लायवुड से ढंक दिया गया है, उसे पुन: खोल कर तेल चित्रों को सुधारा जाए ताकि उनका मूल स्वरूप कायम रखा जा सके।
माता टेकरी का रपट मार्ग जिसमें श्रीमंत सदाशिवराव महाराज देवास जूनियर ने श्रम दान किया था उसे उनकेे नाम पर किया जाए। माता टेकरी के रपट मार्ग की बांई तरफ देवास जूनियर महाराज स्व. यशवंतराव भाऊसाहेब पवार व उनके शिकारी साथी स्व. रावसाहेब मोहिते इनकी बहादुरी की यादगार स्मारक है उसको व्यवस्थित कर जनता के अवलोकन के लिए रखा जाए। सभी पुरानी विरासतोंं के सम्मुख उनके निर्माण काल तथा इतिहास से संबंधित जानकारी प्रदर्शित की जाए। वर्तमान जिलाधीश कार्यालय की मुख्य वास्तु जो करीब 140 वर्ष पुरानी है स्व. महाराज नारायणराव पवार द्वारा अपने कार्यकाल के बीच 1879 से 1892 के बीच बनवाई गई थी, यह प्राचीन इतिहास की साक्षी है। नवनिर्माण योजना में नहीं तोड़ा जाए अपितु इसे पुरातत्व विभाग को सौंप कर संग्राहलय या पुस्तकालय के परिवर्तित किया जाए। जिला मुख्यालय होने के बाद भी यहां पर पुरातत्व विभाग का कोई कार्यालय या संग्रहालय नहीं है। इस अवसर पर क्षत्रिय मराठा समाज, राजपूत समाज, मुस्लिम समाज, अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज एवं देवास के सभी समाज के लोग उपस्थित रहे। उक्त जानकारी क्षत्रिय मराठा समाज अध्यक्ष प्रमोद जाधव ने दी।