स्व सहायता समूह से जुड़कर निर्मला के जीवन में आई खुशियां

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अब खुद की किराना दुकान, सिलाई कार्य तथा सीएससी सेंटर से कर रही है अच्छी कमाई

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निर्मला की प्रतिमाह हो रही है 10 से 12 हजार रुपए आय

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पति व परिवार वालों के सहयोग से मैं बन गई हूं आत्मनिर्भर-निर्मला फुलेरिया

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मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रभारी कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती शीतला पटले तथा एनआरएलएम की टीम को दे रही है धन्यवाद

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      देवास, 12 फरवरी 2021/ स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद अब ग्रामीण महिलाएं भी आत्म निर्भर बन रही है तथा स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद महिलाओं के जीवन में उल्लेखनीय बदलाव भी आ रहे हैं। उन्हीं में से एक देवास विकासखंड के ग्राम सिंगावदा की श्रीमती निर्मला फुलेरिया पति लोकेंद्र फुलेरिया है। स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद निर्मला के जीवन में उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं। वे बताती है कि स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद वह, किराना दुकान का संचालन, सिलाई का कार्य करती है तथा लेपटॉप के माध्यम से बैंक सखी का कार्य तथा फोटो कॉपी भी करती है। जिससे हर माह 10 से 12 हजार रुपए की कमाई कर रही है। इसके लिए वे मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान, प्रभारी कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती शीतला पटले, डीपीएम एनआरएलएम सुश्री शीला शुक्ला को हृदय से धन्यवाद दे रही हैं।

     हितग्राही निर्मला फुलेरिया ने बताया कि उन्होंने बी.ए. किया है। वे बताती है कि समूह से जुड़ने से पहले उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। परिवार की स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण उन्हें हमेशा चिंता सताती थी। इसी बीच उनके गांव में एनआरएमएल की टीम आई तथा टीम की ब्लॉक मेम्बर आरती सिंह ने उन्हें समूह से जुड़ने के फायदे एवं बताए। वे उनकी बात से प्रभावित हुई तथा समूह से जुड़ गई। वे ग्राम के स्व सहायता समूह शारदा आजीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ गई तथा वे समूह की अध्यक्ष है। उनका सीएलएफ मर्यादा संकुल संगठन है, जिसकी वे सचिव हैं। उन्होंने बताया कि इस समूह में गांव की अन्य महिलाएं भी जुड़ी तथा उन्होंने मिलकर बचत करना प्रारंभ कर दी। प्रारंभ में 15000 रुपए का ऋण मिला, जिससे उन्होंने किराना दुकान प्रारंभ की। उन्होंने बताया ‍कि ग्राम संगठन से ऋण लिया, जिससे उन्होंने अपनी किराना दुकान को और बढ़ाया। उन्होंने बताया कि स्व सहायता समूह के माध्यम से बैंक सखी बन गई है। उन्होंने बताया कि सीएससी की आईडी बनी जिससे वे बैंक के खाते खोलती है, बीमा करती है तथा महिलाओं को पैसे भी उपलब्ध कराती है। उन्होंने बताया कि सीएससी से स्ट्रीट वेंटर के फॉर्म, जन्म प्रमाण पत्र, सहित अन्य कार्य करती है। वे बताती हैं कि उनके पास किराना दुकान तो है ही साथ ही वे फोटोकॉपी मशीन व कम्प्यूटर के कार्य भी करती है। इसके साथ-साथ वे सिलाई के कार्य भी करती है। वे खुश होकर बताती है कि उनके इस कार्य में उनके पति एवं परिवार वाले पूरा सहयोग करते हैं। इन कार्यों से उन्हें हर माह 10 से 12 हजार रुपए की आय होती है। कियोस्क से उन्हें एक स्थाई रोजगार मिला तथा उनकी आर्थिक स्थिति सुधार होने लगा। वे बैंक सखी का कार्य करने के साथ-साथ वे घर पर सिलाई का कार्य भी करती है। जिससे उन्हें हर माह अच्छी कमाई हो जाती है।

वे बन गई आत्म निर्भर      निर्मला फुलेरिया खुश होकर बताती है कि स्व सहायता समूह ने उनका पूरा जीवन ही बदल दिया है। उनकी पढ़ाई उनके काम आ गई है। वे अब आत्म निर्भर बन गई है। उनके इस कार्य के लिए समाज में सम्मानित भी हो रही है। स्व सहायता समूह  के माध्यम से उनके जीवन में खुशहाली आई हैं। अब में मजदूरी छोड़कर बैंक सखी बन गई हॅू और खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही हूं। वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला रही है। यह सभी कार्य आजीविका मिशन के सहयोग से पूर्ण हुआ। इसके लिए वे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रभारी कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती शीतला पटले, डीपीएम एनआरएलएम सुश्री शीला शुक्ला को हृदय से धन्यवाद दे रही हैं।                                               

Post Author: Vijendra Upadhyay