पूछता है देवास – देवास में बच्चो का सही उपचार का अभाव कब होगा खत्म?

  • देवास के अमलतास में 40 बेड बच्चो के हुए तैयार, एम जी मे लगेगा का समय

देवास। देवास में कुछ दिन पूर्व चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टरो की मीटिंग आयोजित की गई थी। जिसमें कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों के इलाज के लिए उसके दिशा निर्देश शासन प्रशासन द्वारा बताये गए थे। साथ ही बच्चों का इलाज किस तरह से बेहतर किया जा सके उस विषय पर चर्चा हुई थी। लेकिन उसका परिणाम इन 3 दिनों में देखने को नहीं मिला।
देवास में 2 दिन पूर्व देवास की एक बच्ची आराध्य ठाकुर निवासी गणेश पूरी जिसकी उम्र 4 साल की है। उसकी तबीयत अचानक से बिगड़ गई थी। उसके परिजन देवास के कुछ डॉक्टर और अस्पतालों में लेकर गए ताकि उसका उपचार हो सके।
लेकिन देवास के डॉक्टरों ने उसे देखने से मना कर दिया। फिर परिजन उसे तुरंत इंदौर लेकर गए जहाँ रास्ते मे उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी। लेकिन समय पर वह इन्दोर के अरविंदो अस्पताल पहुच गए और उसका उपचार हो गया। बाद में उसकी सभी जांचे भी कराई जो कि सभी सामान्य निकली।
लेकिन सवाल यह उठता है कि देवास में कब तक बच्चो के इलाज का अभाव रहेगा?
जबकि प्रशासन ने खुद कहा कि हम कोरोना की तीसरी लहर में बच्चो के इलाज लिये तैयार है। बेड से लेकर अन्य उपचार के उपकरण हम जुटा रहे है। पर यह कैसा दावा है कि बच्चो के इलाज के लिये परिजन को भड़कना पड़ रहा है।
विगत कुछ दिन पूर्व भी एक 5 साल के बच्चे की मृत्यु भी उपचार के अभाव में हो गयी थी। फिर भी देवास के डॉक्टरों का दिल नही पसीज रहा है। हालाकि देेेवास के अमलतास में कल से 40 बेड बच्चों के आईसीयू वाले शुरू हुुुए है।


उधर बच्ची के पिता दीपक ठाकुर का कहना है कि हमारे पास तो साधन थे जिस कारण हम समय पर इंदौर आ गए। वही कोई और होता तो शायद उसे अपने बच्चे को खोना पड़ता। लेकिन देवास शासन प्रशासन का यह कैसा दावा है कि बच्चों का इलाज ही नहीं हो पा रहा है।

Post Author: Vijendra Upadhyay