लोग सेल्फी लेते है कई पर ऐसी सेल्फी पहली बार देखी जो दूसरे के दर्द को समझे…
यह है देवास के पुलिस जवान जितेन्द्र जी दुबे….जिन्होंने इस बाबा का दर्द समझा ओर सोशल मीडिया मे अपनी प्रतिकिर्या व्यक्त की….
फोटो में जो बुजुर्ग दिख रहे हे वो तहसील परीसर(देवास ) में चाय की दुकान लगाते हैं। इनका भी एक बेटा है ओर दो बेटियां, जिऩकी शादी हो चुकी है। और इनकी पत्नी का देहांत हो चुका है। बेटा शादी के बाद ससुराल में जाकर बस गया और ये बुजुर्ग अकेले रह गये। खाना भी अपने हाथ से बनाकर खाते हैं। बेटियां ज़रूर हालचाल पूछ लेती हैं, जि़तना बनता है, उतना ख्याल भी रखती हैं (और हां, इन्होने भी शायद मिठाईया बांटी होंगी बेटा होने पर)। यह बात लोगों के दिलों को छु रही है और सोचने को मजबूर कर रही हैं कि वे लोग कैसे होंगे जो पुत्र मोह में बेटियों को गर्भ में ही मार देते हैं। या फिर बेटियों को वह अधिकार, वह सुविधाएं नहीं देते जो एक बेटे को दी जाती हैं। इसी तरह से कुछ समय पहले एक और पोस्ट श्री दुबे ने शेयर की थी कि…..जिसमें सिविल लाइंस क्षेत्र में एक बुजुर्ग को सब्जी बेचने की बात बताते हुए लिखा था कि वे इस बुजुर्ग से इसलिए हमेशा सब्ज्यिां ले जाते हैं ताकि वह बुजुर्ग अपने घर जल्दी जा सके।