किसानों के हित में देवास जिले ने किया बड़ा काम

देवास जिले में आज की स्थिति में किसी भी किसान का अविवादित नामांतरण और बंटवारे का आवेदन लंबित नहीं है। जिले की हर ग्राम पंचायत में कृषक कल्याण शिविर लगाकर पात्र किसानों से आवेदन लिये गए। उनका शत प्रतिशत निराकरण कर दिया गया है। कलेक्टर आशीष सिंह ने अब एलान किया है कि यदि जिले में किसी भी किसान का अविवादित नामांतरण और बंटवारे का आवेदन लंबित है तो सूचना देने पर उसे 500 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
ज़िले में पिछले दो महीने से अविवादित राजस्व प्रकरणों का निराकरण शिविर लगाकर पंचायत के माध्यम से किया जा रहा है। इस अवधि में 6000 से अधिक अविवादित नामांतरण/बंटवारे के प्रकरणों के निराकरण पंचायतों ने किए हैं।
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया है कि किसानों के हित में यह निर्णय लिया जाता है कि कोई भी कृषक यदि यह सूचना देता है कि उसका अविवादित नामांतरण/बंटवारे का कोई आवेदन एक माह से अधिक से लंबित है तो उसे 500 रुपये पुरस्कार तौर पर दिए जाएंगे। इसकी शर्तें निम्नानुसार होंगी

1. कृषक ने नामांतरण/बंटवारे हेतु आवेदन 20 अगस्त से पहले तहसील या पंचायत स्तर पर कर दिया हो।
2. इस आवेदन के आधार पर आपत्ति हेतु प्रकाशन में 28-9-2017 तक कोई आपत्ति न प्राप्त हुई हो तभी उसे अविवादित नामांतरण/बंटवारा की श्रेणी में रखा जाएगा।
3. यदि आवेदन के बाद इश्तहार प्रकाशन के बाद कोई आपत्ति प्राप्त हो चुकी है तो नामांतरण/बंटवारे का प्रकरण विवादित माना जायेगा और कोई राशि पुरस्कार में प्राप्त नहीं होगी।
उपरोक्त तीन शर्तों के आधार पर यदि अविवादित नामांतरण/बंटवारे का आवेदन 20 अगस्त से पहले दिया गया हो और अभी भी लंबित हो तो कृषकगण दूरभाष क्रमांक 07272-250666 पर इसकी सूचना देकर 500 रुपये का पुरस्कार प्राप्त कर सकते हैं।
*पंचायतों ने किया पहली बार अधिकारों का उपयोग*
अविवादित नामांतरण और बंटवारा करना ग्राम पंचायतों का अधिकार है। पर 2 अगस्त को जिले मे पहली बार ग्राम पंचायतों ने इस अधिकार का उपयोग किया। जिले की हर ग्राम पंचायत में कृषक कल्याण शिविर लगाये गये। किसानों ने अपने सीधे आवेदन पंचायत सचिवों को दिये। ग्राम सभा में अनुमोदन कर इन्हें पटवारियों को सौंपा गया था। जिला पंचायत अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह राजपूत का कहना है कि पंचायतों के सशक्तिकरण की दिशा में जिला प्रशासन का यह प्रयास सराहनीय है।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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