- बागली विधायक से नाराज भाजपा पदाधिकारियों ने दिये इस्तीफे
देवास। भाजपा के स्थापना दिवस पर एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषण दे रहे थे, वही दूसरी ओर देवास जिले की आदिवासी सीट बागली विधानसभा में भाजपा को स्थापना दिवस के दिन बड़ा झटका लगा है। यहां पर बागली विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे की कार्यशैली से नाराज होकर करीब आधा दर्जन पार्टी पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले भी विधायक की कार्यप्रणाली से त्रस्त हो चुके कई भाजपाई या तो घर बैठ चुके है या फिर अन्य दलों में शामिल हो गए है। हालांकि विधायक ने इस बात को नकारते हुए कहा है कि कार्यकर्ताओं की नाराजगी मुझसे नहीं स्थानीय नगर परिषद के अधिकारियों-कर्मचारियों से है, इसीलिए उन्होंने त्यागपत्र दिया है।
बुधवार को जब देवास जिले सहित संपूर्ण भारत में भाजपा का स्थापना दिवस मनाया जा रहा था और छोटे कार्यकर्ता से लेकर प्रधानमंत्री तक पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में व्यस्त थे। उसी दिन देवास जिले के बागली विधानसभा अंतर्गत लोहारदा में भाजपा विधायक की कार्यप्रणाली से नाराज नगर अध्यक्ष नंदकिशोर बाल्छी, छगनलाल राठौर, सलीम कुरैशी, मंडल उपाध्यक्ष संजय गुप्ता, अल्पसंख्यक मोर्चा पदाधिकारी आजाद खान, युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष मुकेश सैनी, लोकेश यादव आदि पदाधिकारियों ने भाजपा मंडल अध्यक्ष के नाम पूर्व जिला उपाध्यक्ष बंशीलाल भूतड़ा को अपने-अपने त्यागपत्र सौंप दिये है। इसके पश्चात बंशीलाल भूतड़ा ने भी मंडल अध्यक्ष के नाम एक चिट्ठी लिखकर स्वयं ने भी त्यागपत्र दे दिया है। इस तरह करीब आधा दर्जन भाजपा के पदाधिकारियों ने त्यागपत्र देकर संगठन के सामने एक नया संकट खड़ा कर दिया है। पदाधिकारियों का कहना है कि क्षेत्रीय विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे अपनी मनमानी करते है और उनकी कार्यप्रणाली से क्षेत्र के अधिकांश कार्यकर्ता परेशान है। बताया जा रहा है कि इनके अलावा भी ऐसे कई कार्यकर्ता है, जो विधायक से नाखुश है और वे कभी भी पार्टी को बाय-बाय कर सकते है। हालांकि जिला संगठन ने ऐसे कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के प्रयास शुरु कर दिये है, किंतु अभी तक भाजपा विधायक पहाड़सिंह कन्नौजे को न तो जिला स्तर से और ना ही प्रदेश स्तर से कोई हिदायत दी है और ना ही समझाइश दी गई है।
विवादों में घिरे रहते है विधायक कन्नौजे
पुलिस महकमे से एसडीओपी पद से त्यागपत्र देकर राजनीति में आए पहाड़सिंह कन्नौजे अभी जनप्रतिनिधि नहीं बन पाए है, बल्कि कार्यकर्ताओं से पुलिसिया अंदाज में ही बात करते है। यही वजह है कि उनकी भाषा शैली से कार्यकर्ताओं में नाराजगी बनी रहती है। साथ ही विधायक ने अपने कई चहेतों को नगर परिषदों में ठेके दिलवाकर लूट भी मचवाई है और पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होती है। पिछले दिनों इस तरह का मामला भी चर्चा में आया था। हालांकि भाजपा आलाकमान ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
कुछ कार्यकर्ताओं की नाराजगी थी, जिन्हें दूर किया जाएगा। असंतुष्ट कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को गुरुवार को जिला भाजपा कार्यालय पर बुलाया गया है, जहां उनकी बात सुनी जाएगी और उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा।
राजीव खंडेलवाल- भाजपा जिलाध्यक्ष