जिला अस्पताल पहुंचे एसडीएम, दिखी गई अव्यवस्था

  • 50 सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए दिए निर्देश

देवास। जिला चिकित्सालय से नवजात शिशु के चोरी होने के मामले में कलेक्टर ने एसडीएम प्रदीप सोनी को जिला चिकित्सालय का प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया है। प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त होने पर दूसरे दिन शनिवार को एसडीएम सुबह 9 बजे जिला चिकित्सालय पहुंचे। एसडीएम प्रदीप सोनी में जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान कई तरह की अनियमितता पहले दिन देखने को मिल गई। एसडीएम ने खुद इस बात को माना कि डॉक्टर 1 बजे लंच की छुट्टी पर जाने के बाद वापस ड्यूटी पर नहीं आते है।


एसडीएम ने निर्देश दिए कि जिला अस्पताल के डॉक्टर लंच के अवकाश के दौरान अस्पताल में रहेंगे और अपने साथ लंच बॉक्स भी लेकर आएंगे। लाखों रुपये लगाकर कायाकल्प की अस्पताल की एसडीएम ने एलईडी लाईट चालू करवाई तो कुछ लाइट आखों की पलक झपकने की तरह झपकती हुई दिखी। बंद पड़ी एलईडी को चालू करने के लिये निर्देश दिए। एसडीएम ने सोनोग्राफी मशीन के पास लोहे का पलंग देखकर नाराज हुए और कहा कि मैंने लाइफ में कई जगह सोनोग्राफी की करवाई कहीं पलंग नहीं देखा। छोटी सी जगह पर भी लोहे के पलंग पर सोनोग्राफी होते हुए नहीं देखी। जिस व्यक्ति ने 15 लाख की सोनोग्राफी की मशीन डोनेट की है, उसे अगर लाकर खड़ा कर दिया तो कहेगा कि अस्पताल में कभी फंड नहीं दूंगा। एसडीएम ने जिला अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे की सूक्ष्मता से जांच की।

एसडीएम ने निर्देश दिए कि जिला चिकित्सालय में पदस्थ सभी डॉक्टरों को रोजाना थंब मशीन पर थम्ब लगाने होंगे। जिला अस्पताल के सभी डॉक्टर ड्यूटी दौरान थंब मशीन पर थम लगाकर ड्यूटी पर आएंगे और जाएंगे। एसडीएम ने निर्देश दिए कि जिला चिकित्सालय के अंदर और परिसर में कुल 50 कैमरे लगाए जाएंगे। एसडीएम के पहले दिन के भ्रमण के दौरान अस्पताल में मौजूद कोई भी स्टाफ उनके सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। एसडीएम ने दवाई वितरण केंद्र में कम्प्यूटर आपरेटर लगाने और सोनोग्राफी आउटसोर्स डॉक्टर से करवाने के लिये निर्देश दिये। सुरक्षा गार्डों को लेकर नए अनुबंध करने को कहा।

Post Author: Vijendra Upadhyay