– सामूहिक गायत्री अनुष्ठान की पूर्णाहुति सम्पन्न
– समाज में समानता, एकरूपता एवं राष्ट्र की अखण्डता के लिये गायत्री शक्तिपीठ पर प्रति रविवार सामूहिक अखंड गायत्री साधना
देवास। गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजय नगर पर नवरात्रि पर्व पर सामूहिक गायत्री महामंत्र का नव दिवसीय अनुष्ठान का क्रम अनवरत रुप से चलाया जाता है जिसमें गायत्री साधक बड़ी संख्या में प्रात: 03.30 ब्रह्ममूर्त में सामूहिक गायत्री महामंत्र का जाप प्राणि मात्र के कल्याण के लिए करते है उसी की पूर्णाहुति महानवमी की सम्पन्न हुई।
गायत्री शक्तिपीठ के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया कि प्रात: 09 बजे श्रीवेदमाता गायत्री, परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी, वन्दनीया माता भगवतीदेवी शर्मा एवं देवोआव्हन, पूजन के साथ पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ की शुरुआत हुई जिसमें यज्ञोपवीत, दीक्षा, विद्यारम्भ सहित विभिन्न संस्कार नि:शुल्क सम्पन्न हुए । आयोजन में गायत्री शक्तिपीठ के सहायक मुख्य ट्रस्टी कन्हैयालाल मोहरी ने आमजन से अपील की है कि समाज में समानता, एकरूपता एवं राष्ट्र की अखण्डता के लिये गायत्री शक्तिपीठ पर प्रति रविवार को प्रातः 06 बजे से सन्ध्या 06 बजे तक सामूहिक अखंड गायत्री साधना की जाती है जिसमें हर आमजन सादर आमंत्रित हैं । गायत्री साधना से हर समस्या का समाधान होता है इसलिए सबको गायत्री साधना से अवश्य जुड़ना चाहिए। आयोजन में महेश पंडया, गणेशचन्द्र व्यास, चारुप्रभा बाबर, भारतसिंह बनाफर, नन्दू पांचाल, डॉ.जी. डी. देशमुख, विक्रमसिंह राजपूत, सरिता पाटीदार, सुमन गुंजाल, देवकरण कुमावत, मीना शर्मा, विमलासिंह, सुंदर राठौर, लक्ष्मण पटेल, सुरेश चौहान, विक्रमसिंह ठाकुर सहित सैकड़ों गायत्री साधको ने यज्ञ में अपनी आहुतियां प्रदान की। कर्मकांड का संचालन परिव्राजक रामनिवास कुशवाह एवं शक्तिपीठ की संगीत टोली ने किया । कार्यक्रम के अंत मे कन्याभोज के साथ सभी उपस्थित परिजनों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की। आभार मुख्य प्रबन्ध ट्रस्टी महेश पंडया ने माना।
इसी प्रकार गायत्री प्रज्ञापीठ विजय नगर पर भी शारदीय नवरात्रि की पूर्णाहुति प्रज्ञापीठ संरक्षिका दुर्गा दीदी के सानिध्य में पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ सम्प्पन्न हुई पश्चात कन्याओं का पाद पूजन किया गया एवं उपस्थित सभी परिजनों ने महाप्रसादी ग्रहण की । इस अवसर पर महेश आचार्य, शेष नारायण परमार, प्रदीप दुबे, रमाशंकर तिवारी, आर. सी. पालीवाल, देवीलाल पोरवाल सुभाष घोटे, बी. एस. बैस, अजय गुप्ता, बी. एल. मालवीय, बी. एल. कुमावत, महेश चौधरी सहित प्रज्ञापीठ के समस्त ट्रस्टीगण एवं कई परिजन उपस्थित थे। कर्मकाण्ड का संचालन ज्ञानदेव बोडखे एवं दिनेश बरडे ने किया एवं आभार मुख्य प्रबन्ध ट्रस्टी राजेन्द्र पोरवाल ने माना।