जैन दम्पत्ति ने देह दान करके मानव सेवा की पेश की मिसाल

धार्मिक प्रवृत्ति के चलते की गई अनुकरणीय पहल
देवास। वयोवृद्ध जैन दम्पत्ति नेमीचंद जैन बरडिया एवं उनकी धर्मपत्नी सुशीला देवी जैन ने मरणोपरांत अपनी देह दान करके मानव सेवा की मिसाल पेश की। उनकी इस अनुकरणीय पहल की सर्वत्र प्रशंसा की गई। बड़ा बाजार में रहने वाले नेमीचंद जैन जिनका डेढ़ माह पूर्व 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। उन्होंने अपनी देह एक निजी अस्पताल में दान की। उसके अल्प समय पश्चात सोमवार 30 अक्टूबर को उनकी पत्नी सुशीला देवी का निधन हो गया। निधन के ठीक तीन घंटे के अंदर उनकी देह अमलतास हास्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में दान के लिए परिजनों द्वारा सौंप दी गई। गुना में मंडी सेक्रेटरी के पद से रिटायर्ड होकर इस जैन दम्पत्ति की 15 वर्ष पूर्व पुत्र की मौत के बाद ये अपनी पुत्री व दामाद के पास देवास ही रहते थे।
पुत्री भारती राजेन्द्र जैन ने बताया कि मृतक के परिवार में अन्य कई सदस्यों ने भी देह दान का निश्चय किया है उन्हीं से प्रेरणा लेकर धार्मिक प्रवृत्ति की धनी इस जैन दम्पत्ति ने यह मानव सेवा का अनुकरणीय कदम उठाया है। आपने बताया कि शरीर के कुछ अंग तो जरूरतमंदों को ट्रांसप्लांट कर दिए जाएंगे। जबकि पार्थिव देह म्युजियम में वर्षो तक रासायनिक पदार्थो द्वारा पूर्ण रूप से संरक्षित कर रखी जाएगी। जिसका उपयोग डॉक्टर बनने के पूर्व अध्ययन करने वाले छात्रों के सीखने समझने के काम आएगा। जैन समाज सहित अन्य कई सामाजिक संगठनों ने जैन दम्पत्ति के इस मानव सेवा कार्य की प्रशंसा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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