पहलगाम में हिंदू पर्यटकों पर आतंकी हमले के विरोध में देवास में मौन रैली आज
सर्व समाज के आह्वान पर आज राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा ज्ञापन
देवास। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित पहलगाम में हिंदू पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया है। इस भीषण और अमानवीय हमले में 26 हिंदू तीर्थयात्रियों की हत्या कर दी गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। यह हमला न केवल मानवता के खिलाफ अपराध है, बल्कि देश के करोड़ों हिंदुओं की सुरक्षा पर सीधा हमला है। हमला इतने सुनियोजित ढंग से हुआ कि आतंकियों ने टूरिस्टों की पहचान कर गोलियां बरसाईं। बताया जा रहा है कि यह हमला अमेरिका के उपराष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि बिगाड़ने की एक साजिश के तहत अंजाम दिया गया, जिसके पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का हाथ है।
इस नृशंस हमले के विरोध में देवास में सर्व समाज के आह्वान पर आज दिनांक 24 अप्रैल 2025 को सायं 4.30 बजे एक मौन रैली का आयोजन किया जाएगा। यह रैली सयाजी द्वार से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए जवाहर चौक पहुंचेगी। रैली के समापन पर हमले में मारे गए निर्दोष हिंदू यात्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी तथा राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।
ज्ञापन में मांग की जाएगी कि जम्मू-कश्मीर में लगातार बढ़ रही असुरक्षा और आतंकी घटनाओं के मद्देनज़र वहां तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। साथ ही, मारे गए यात्रियों के परिजनों को समुचित मुआवज़ा और सुरक्षा प्रदान की जाए, दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी कर उन्हें कठोरतम सजा दी जाए और आगामी अमरनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए हिंदू तीर्थयात्रियों की सुरक्षा हेतु विशेष बलों की स्थायी तैनाती सुनिश्चित की जाए। साथ ही केंद्र सरकार से यह भी अपेक्षा की जा रही है कि वह देशभर में योजनाबद्ध ढंग से हो रहे हिंदुओं पर हमलों को रोकने के लिए कठोरतम कदम उठाए।
ज्ञापन में स्पष्ट कहा जाएगा कि इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के प्रति नरम रवैया अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य सरकारें यदि इस विषय में निष्क्रिय रहती हैं तो केंद्र को कड़ा हस्तक्षेप करना होगा। यह हमला केवल पहलगाम तक सीमित नहीं है, यह हमारे पूरे राष्ट्र, हमारी सांस्कृतिक पहचान और हमारी अस्मिता पर हमला है।
देवास के नागरिकों से आह्वान किया गया है कि वे बड़ी संख्या में इस रैली में सम्मिलित होकर आतंकवाद के इस कृत्य के विरोध में अपनी एकजुटता और संवेदनशीलता प्रदर्शित करें। यह न केवल शोक और आक्रोश की अभिव्यक्ति होगी, बल्कि राष्ट्र के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी का भी परिचायक बनेगी। उक्त जानकारी विजेन्द्र उपाध्याय ने दी।