चाणक्य के बहाने आरक्षण पर हुई सार्थक चर्चा

मोहन वर्मा – 9827503366

आचार्य चाणक्य का नाम भारतीय इतिहास में देश को एकता के सूत्र में बाँधने और अपनी बुद्धिमत्ता से आतयायी विदेशी शासकों के विरुद्ध चन्द्रगुप्त को सम्राट बनाकर देश को एक नई दिशा देने के लिए याद किया जाता रहेगा. ये बात अतिथि वक्ताओं ने आज चाणक्य स्मृति दिवस पर सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा आरक्षण पर हुई परिचर्चा में कही.
आरक्षण जैसे ज्वलंत विषय पर बोलते हुए इतिहासविद दिलीपसिंह जाधव ने कहा कि समय के साथ समाज में परिवर्तन होता है, समय के साथ आरक्षण की नीतियों में भी परिवर्तन होना चाहिए. चाणक्य की तात्कालिक कार्यशैली से सीखकर वर्तमान समाज की बुनावट के प्रयास किये जाने चाहिए.
इतिहासकार और प्रेमचंद सृजन पीठ के निदेशक लेखक जीवनसिंह ठाकुर ने कहा कि आचार्य चाणक्य को, नन्द वंश के अत्याचारी शासक सिकंदर के हमले के विरुद्ध देश को एकजुट करने के और चन्द्रगुप्त के माध्यम से समय में बदलाव के प्रयासों के लिए इतिहास हमेशा याद करता रहेगा. वर्तमान समय में आरक्षण का मुद्दा एक समस्या की तरह हमारे समाज में खड़ा है,वंचित वर्ग को आगे लाना चाहिए मगर सक्षम को भी आरक्षण का लालच छोड़ना होगा.
स्वतंत्र लेखक और विचारक संदीप नाईक ने कहा आज के संक्रमणकाल में जातियों और वर्णों को बाँटने वाली आरक्षण पद्धति में बदलाव की जरूरत है आज दलित चेतना तो है मगर वंचितों की जगह सक्षम इसका लाभ उठा रहे है . संदीप ने प्रश्न उठाया कि संवैधानिक पदों पर आरक्षित वर्ग के लोगों के बैठने के बावजूद वंचितों का विकास क्यों नही हो रहा.? आज आर्थिक और शैक्षिक आधार पर आरक्षण व्यवस्था दिया जाना चाहिए.

कार्यक्रम का संचालन प्रयास गौतम ने किया, स्वागत भाषण नयन कानूनगो ने दिया. अतिथियों का स्वागत संजय शुक्ल,दिनेश मिश्र,अनिल सिंह ठाकुर, शिव संघवी,आशा शर्मा ने किया

Post Author: Vijendra Upadhyay

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