देवास। गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजयनगर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 18 मार्च से 25 मार्च तक चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व पर सामूहिक अनुष्ठान का आयोजन होगा। गायत्री शक्तिपीठ जनसंचार विभाग के विक्रमसिंह चौधरी एवं विकास चौहान ने बताया कि गायत्री साधना के अर्थ व्यापक है। इस व्यापकता को न समझने के कारण ही हम में से अनेक इसे मंत्रजप एवं कुछ थोडे से बाहरी कर्मकाण्डो तक समेट देते है। जबकि गायत्री के 24 अक्षरों में मूल प्रकृति एवं इसके 23 तत्वों का समावेश है। गायत्री साधना का अर्थ है प्रकृति के स्वरूप का मनन, अपने व प्रकृति के संबंधो का स्मरण, साथ ही अपनी आंतरिक एवं बाह्य प्रकृति का परमात्मा में समर्पण। प्रकृति का संवर्धन- संरक्षण हमारी संास्कृतिक परम्परा है और नवरात्र, इसी सांस्कतिक साधना का महोत्सव है। इस पावन पर्व पर 18 मार्च को प्रात: 4 बजे से श्री वेदमाता गायत्री, परम पूज्य गुरूदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य, वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा एवं देवआव्हान, देवपूजन व घटस्थापना से अनुष्ठान प्रारंभ होकर गायत्री महायज्ञ होगा। 19 मार्च से 24 मार्च तक प्रतिदिन प्रात: 4 बजे से 6 बजे तक गायत्री महामंत्र का अखण्ड जप, प्रात: 6 बजे से गायत्री महायज्ञ होगा। 25 मार्च रामनवमी को प्रात: 4 बजे से 7 बजे तक अखण्ड जप, प्रात: 8.30 बजे से पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ, दीक्षा, यज्ञोपवित सहित विभिन्न संस्कार होंगे। प्रात: 11 बजे अनुष्ठान व गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी पश्चात भगवान श्री राम जी का जन्मोत्सव मनाकर महाप्रसाद का वितरण होगा। इसी प्रकार गायत्री प्रज्ञापीठ पर संरक्षिका दुर्गा दीदी के मार्गदर्शन में 18 से 25 मार्च तक सामूहिक अनुष्ठान होंगे। गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी महेश पंड्या एवं गायत्री प्रज्ञापीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी राजेन्द्र पोरवाल ने समस्त भावनाशील परिजनों से अनुरोध किया है कि इस आध्यात्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित होकर पुण्य लाभ प्राप्त करें।
पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ
आवास नगर के पीछे स्थित तुलजा विहार कालोनी में गायत्री शक्तिपीठ के तत्वावधान में पंचकु ण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 17 मार्च को शाम 4 बजे कलश यात्रा एवं 6 बजे दीप यज्ञ का आयोजन होगा। 18 मार्च को प्रात: 8 बजे पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार होंगे। दोपहर 12 बजे महायज्ञ की पूर्णाहूति तथा उसके पश्चात महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा। हजारीलाल चौहान, प्रहलादसिंह सोलंकी, सालगराम सकलेचा, मेहरबानसिंह सोलंकी आदि ने उक्त कार्यक्रम का लाभ लेने की अपील की ।

