देवास, 26 फरवरी 2020/ बैंक ऑफ इंडिया, स्टार ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान आरसेटी शाखा देवास द्वारा जिला जेल परिसर राजोदा में कृत्रिम आभूषण (आर्टिफिशियल ज्वेलरी) निर्माण हेतु 13 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय द्वारा दीप प्रज्वलन से किया गया। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती रेलम बघेल तथा जेल अधीक्षक रमेशचंद्र आर्य भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय ने महिला बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि जेल मे विगत कुछ समय से हुये परिवर्तन बहुत प्रशंसनीय है, जो कि जेल अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रयास से संभव हुआ है। कोई भी आदमी स्वभाव से अपराधी नही होता है, हर व्यक्ति मे मनुष्यता बहुत गहरे तक होती है। कई बार परिस्थित जन्य कारको व सामाजिक कारणो या विवाद के कारण हमे यहॉ होना पड़ता है, लेकिन जेल मे समय का सदुपयोग कर इस प्रकार के प्रशिक्षण को प्राप्त करने के बाद जब आप लोग घर लौटेगे तो अपने आप को नहे रूप मे पायेगे। आप अपने समाज व परिवार के लिये कुछ दे रही है इससे बड़ा संतोष और कुछ नही है कि हम समाज को कुछ लौटा रहे है।’’
इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय ने महिला बंदियों द्वारा प्रथम दिवस के प्रशिक्षण मे अल्प अवधि मे तैयार किये गये कच्चे आभूषणों का अवलोकन किया। महिला बंदियों के पूर्व मे किये गये सिलाई कार्य व प्रशिक्षण के प्रति रूचि को देखते हुये कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय ने कहा कि ‘‘स्टार ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की इस नई पहल से मैं बहुत खुश हॅू। आदमी का पद उसे जिंदा नही रखता है, उसका शौक व रूचि उसे जिंदा रखती है।’’
इस दौरान संस्थान डायरेक्टर पुष्पेंद्र पाण्डेय द्वारा संस्थान में चल रही गतिविधियों पर प्रकाश डाला तथा कृत्रिम आभूषण निर्माण के प्रशिक्षण कार्यक्रम के पश्चात महिलाएं किस तरह से इसे स्वरोजगार के रूप में शुरू कर जीवनयापन कर सकती हैं। कार्यक्रम का संचालन आरसेटी की श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव द्वारा किया गया।