अशासकीय शिक्षण संस्था संचालक संघ ने विभिन्न मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

देवास। अशासकीय शिक्षण संस्था संचालक संघ देवास ने प्रांतीय संगठन के आव्हान पर जिला स्तरीय दिए जाने वाले ज्ञापन के तहत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शनिवार को राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, प्रमुख सचिव एवं आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र के नाम जिला शिक्षा कार्यालय में जिला शिक्षा अधिकारी राजीव सूर्यवंशी को संघ अध्यक्ष राजेश खत्री के नेतृत्व में अशासकीय विद्यालयों के संचालकों ने ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन का वाचन करते हुए सचिव दिनेश मिश्रा ने अशासकीय विद्यालयों को कोरोना काल के कारण उत्पन्न हुई समस्या से अवगत कराया।

ज्ञापन के माध्यम से संघ द्वारा मांग की गई कि मुख्यमंत्री द्वारा कक्षा पहली से आठवीें तक विद्यालयों को 31 मार्च 2021 तक बंद रखने की घोषणा की गई है एवं बच्चों का मूल्यांकन प्रोजेक्ट आदि द्वारा होगा। अशासकीय विद्यालय जुलाई माह से शासन के आदेश के तहत शिक्षण कार्य ऑनलाईन घर ही विद्यालय, समूह शिक्षा एवं अन्य पद्धतियों से शिक्षण कार्य किया जा रहा है। संघ द्वारा मांग की गई है कि कम से कम मूल्यांकन एवं परीक्षा के लिए कोरोना नियमों का पालन करते हुए अलग-अलग समय में एक से दो कक्षाओं को फरवरी एवं मार्च में बुलाने के अनुमति दी जाए। मूल्यांकन हेतु प्रोजेक्ट, गृह कार्य अथवा परीक्षा जो भी शासन निश्चित करता है उस परीक्षा में सम्मिलित होना अनिवार्य किया जाए। साथ ही जो मूल्यांकन में सम्मलित न हो ऐसे छात्र-छात्रा को अनुपस्थित मानकर उसी कक्षा में रखे जाने के आदेश भी शासन द्वारा जारी होना छात्रहित में होगा। आरटीई कानून भी बिना परीक्षा तथा मूल्यांकन के कक्षोन्नत करने की बात नही कहता। कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी विद्यालयों को 5 वर्ष तक मान्यता दी जाए। शैक्षणिक सत्र 15 मई तक जारी रहे तथा परीक्षा की पद्धति निर्धारण की अनुमति स्कूलों को दी जाए। शिक्षा संहिता के निर्देशानुसार बिना शुल्क भुगतान किए टीसी जारी करने का दबाव किसी भी संचालक पर नही डाला जाए। नियमानुसार नोड्यूज होने के बाद ही टीसी जारी करने के आदेश जारी किए जाए। सरकार एवं न्यायालय द्वारा शिक्षण शुल्क लिया जाना स्वीकृत किया गया है। उसे पालक द्वारा जमा करना अनिवार्य किया जाए। यदि किसी पालक को कोई परेशानी हो तो उसे सीधे शासन द्वारा आर्थिक सहायता दी जाए। क्योंकि विद्यालय द्वारा अपने स्वयं के स्तर पर पहले से ही 20 से 30 प्रतिशत तक की छूट दी जा चुकी है। ऐसे में अगर विद्यालय बंद रहते है तो कई पालक विद्यालय में शिक्षण शुल्क जमा नही करने का प्रयत्न करेंगे। आरटीई की फीस प्रतिपूर्ति 2018-19 एवं 19-20 अविलंब जारी की जाए। शासन एवं कोर्ट द्वारा शिक्षण शुल्क लेने की अनुमति दी गई है। अर्थात विद्यालय कोई अन्य गतिविधि शुल्क नही लेंगे। संघ सत्र 2020-21 के लिए स्काउट शुल्क, रेडक्रास शुल्क एवं क्रीड़ा शुल्क पूर्णत: समाप्त करने की मांग करता है। क्योंकि जब शासन सिर्फ शिक्षण शुल्क लेने की मांग कर रहा है तो यह शुल्क स्वत: समाप्त होना चाहिए।  आदि अन्य मांग संगठन द्वारा की गई। उक्त जानकारी अशासकीय शिक्षण संस्था संचालक संघ के मीडिया प्रभारी अबरार एहमद शेख ने दी।

इस अवसर पर अशासकीय शिक्षण संस्था संचालक संघ के सुरेश चव्हाण, शकील कादरी, स्वपनिल जैन, अजीज कुरैशी, मूर्तजा अली सैफी, महेन्द्र गेहलोत, सुषमा अरोरा, शकील शेख, राजेश गोयल, दुर्गेश यादव, अनिल शर्मा,  ज्योति देशमुख, कीर्ति चव्हाण, नीरज शर्मा, मौखिर अली, प्रकाश चव्हाण, जितेन्द्र त्रिवेदी, मेहबूब शेख, निरंजन सिंह ठाकुर,  ललित सरदाना, अतुल मद्धव, सोनी सर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

Post Author: Vijendra Upadhyay