देवास विधायक श्रीमती गायत्रीराजे पवार ने मलेरिया प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

देवास जिले में जून 2021 मलेरिया निरोधक माह के रूप में मनाया जायेगा

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देवास 15 जून 2021/ देवास जिले में मलेरिया की रोकथाम और जन जागरूकता के उद्देश्य से मलेरिया प्रचार रथ को देवास विधायक श्रीमती गायत्रीराजे पवार ने जिला चिकित्सालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान जनप्रतिनिधिगण, सिविल सर्जन डॉ. विजय सिंह, आर.एम.ओ. डॉ. गोपाल कटारे, पैथालाजिस्ट डॉ. अतुल बिडवई, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एच.एस. राणा, डी.एच.ओ. डॉ. अशोक वर्मा, जिला मीडिया अधिकारी कमल सिंह डावर, श्री प्रकाश गुप्ता,  डी.के गुप्ता, समस्त मलेरिया निरीक्षक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

इस दौरान विधायक श्रीमती गायत्री राजे पवार ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी के दौर में हम उन बीमारियों की अनदेखी कर रहे हैं जो समान रूप से खतरनाक और जानलेवा है। बुखार आने की स्थिति में जरूरी नहीं कि यह कोरोना ही हो। बुखार का कारण मलेरिया या डेंगू भी हो सकता है। वर्षाकाल में मच्छरों की अधिक उत्पत्ति होने से इस दौरान इन बीमारियों के होने की संभावना अत्यधिक होती है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एम.पी. शर्मा ने बताया कि मच्छरों से बचाव हेतु विभिन्न प्रयास करने चाहिये। रात को मच्छरदानी और दिन के समय पूरी बांह के कपड़े पहनने चाहिये ताकि मच्छर न काटे। देवास नगर निगम के सहयोग से पूरे शहर में फॉगिंग और कीटनाशकों के छिडकाव का कार्य भी किया जा रहा है। निगम की कचरा गाडियों में जिंगल्स के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रश्मि दुबे ने बताया कि मलेरिया रथ पूरे देवास जिले में भ्रमण करेगा। इस दौरान विभिन्न ऑडियो और विजुअल सन्देशों के माध्यम से यह रथ वाहक जनित रोग बचाव की जानकारी भी देगा। रथ के साथ जाने वाली टीम में लैब टेक्नीशियन भी होंगे जो बुखार के मरीज की तत्काल रेपिड किट से जांच कर बुखार के कारण का पता लगाएंगे। मलेरिया की पुष्टि होने पर तत्काल उपचार भी उपलब्ध कराया जावेगा।

प्रदेश में माह जून को मलेरिया माह के रूप में मनाया जा रहा है, जिसके तहत मलेरिया रोग नियंत्रण एवं अन्य वाहक जनित रोग नियंत्रण के लिए जन सामान्य में जागरूकता फैलाने, मलेरिया रोग से बचाव के उपाय, सावधानियां आदि कि जानकरी का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

वर्षा ऋतु के आगमन के साथ मच्छर जनित रोग मलेरिया की भी संभावनाएँ होने लगी हैं। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। मलेरिया परजीवी का संक्रमण संक्रमित मादा एनाफिलीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर रुके हुए पानी में पैदा होता है, अत: घर के आस-पास कहीं भी खुले स्थान पर पानी एकत्रित न होने दें।

जिलेवासी हर सप्ताह कूलर, पानी की टंकी आदि को खाली कर सफाई करें। ऐसे स्थान जहाँ पानी की निकासी संभव न हो और अनावश्यक जल भराव हो वहाँ केरोसिन या जला हुआ तेल डालें। मच्छरदानी लगाकर सोएं। खिडकियों और दरवाजों पर मच्छरों को रोकने के लिये जाली लगायें। पूरी बाँह के कपड़े पहनें। मलेरिया के लक्षणों में ठंड लगकर तेज बुखार आना, पसीना आकर बुखार उतर जाना, रुक-रुक कर बुखार आना, सिर दर्द और उल्टी होना तथा बैचेनी, कमजोरी, सुस्ती महसूस होना शामिल है। मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल शासकीय स्वास्थ्य संस्था अथवा आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर खून की जाँच करायें। 

Post Author: Vijendra Upadhyay