श्रीकृष्ण और रुक्मणी विवाह पर श्रद्धालुओं ने बरसाए फूल

देवास। राजाराम नगर गणेश मंदिर के पास कुसुम कुशवाह व कुशवाह परिवार द्वारा चल रही संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के सोमवार को श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह का आयोजन हुआ जिसे बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। कथावाचक पं. महेश गुरू ने रास पंच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय है। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण है। जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उधव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुकमणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया। भारी संख्या में भक्तगण दर्शन हेतु शामिल हुए। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने 16 हजार कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुखमय जीवन बिताया। रूक्मणि विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। श्रीकृष्ण रूक्मणि की वरमाला पर जमकर फूलों की बरसात हुई। महाराज श्री ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रूक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। व्यासपीठ की आरती उपस्थित भक्तो एवं गणमान्यजनो ने की।
जानकारी देते हुए मोनू कुशवाह ने बताया कि आज कथा की पूर्णाहूति होगी एवं बुधवार को भण्डारा होगा।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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