अमलतास अस्पताल के डॉक्टरों ने किया कमाल
दुर्लभ दर्दनाक त्वचा के फफोले, घाव से जूझ रही महिला को दी नई जिंदगी
सफल और निशुल्क इलाज से महिला हुई पूरी तरह स्वस्थ
देवास। जब शरीर पर एक छोटा सा घाव हो जाए तो भी दर्द असहनीय लगता है। सोचिए, जब पूरा शरीर ही छालों और फफोलों से भर जाए तो मरीज की स्थिति कितनी दर्दनाक होगी। ऐसी ही एक गंभीर बीमारी से जूझ रही महिला को अमलतास सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, देवास के डॉक्टरों ने अपने समर्पण और कुशल इलाज से पूरी तरह स्वस्थ कर दिया।महिला ‘पेम्फिगस वल्गेरिस’ नामक एक दुर्लभ और गंभीर त्वचा रोग से पीड़ित थी। यह बीमारी शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली में खराबी के कारण होती है, जिसमें शरीर खुद अपनी स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करने लगता है। इसके चलते त्वचा पर दर्दनाक छाले, फफोले और घाव बनने लगते हैं। मरीज का शरीर अंदर से भी प्रभावित हो सकता है, जिससे खाना खाना, बोलना या चलना तक मुश्किल हो जाता है।बीमारी के बढ़ने से महिला की हालत इतनी खराब हो गई थी कि वह हर दिन असहनीय दर्द झेल रही थी। उसका लगभग पूरा शरीर इस बीमारी की चपेट में आ गया था। परिवारजन निराश हो चुके थे, लेकिन अमलतास अस्पताल के चर्मरोग विभाग की टीम ने इस चुनौती को स्वीकार किया।वरिष्ठ डॉक्टरों डॉ. संजय पंचोली, डॉ. अभिषेक मालवीय, डॉ. शिवांक श्रीवास्तव, डॉ. वरुण कुमार, डॉ. त्रशिता राजनी और डॉ. झीनी नायक की मेहनत और समर्पण से यह असंभव लगने वाला इलाज संभव हुआ। डॉक्टरों ने बताया कि यह केस बेहद जटिल था क्योंकि मरीज को न केवल दवाइयों की, बल्कि लगातार निगरानी और विशेष देखभाल की जरूरत थी।इलाज में उन्नत तकनीकों का उपयोग किया गया और महिला को ‘रीटक्सिमैब इंजेक्शन’ जैसी महंगी दवाएं भी दी गईं। खास बात यह रही कि यह पूरा उपचार आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पूरी तरह निशुल्क किया गया। अस्पताल प्रबंधन ने मरीज की आर्थिक स्थिति को देखते हुए इन महंगे इंजेक्शनों की भी निशुल्क व्यवस्था की।लगातार इलाज और डॉक्टरों की मेहनत से महिला की स्थिति में सुधार आने लगा। कुछ ही सप्ताहों में छाले सूख गए, दर्द खत्म हो गया और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है। डॉक्टरों के अनुसार अब महिला सामान्य जीवन जी रही है और बीमारी के सभी लक्षण समाप्त हो चुके हैं।अमलतास सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के चेयरमैन मयंक राज सिंह भदौरिया ने बताया कि यह सफलता हमारे डॉक्टरों की लगन और अस्पताल की आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का परिणाम है। यह सिर्फ एक मरीज की जीत नहीं, बल्कि इस बात का प्रमाण है कि अमलतास अस्पताल दुर्लभ और जटिल बीमारियों के इलाज में भी सक्षम है।


