कालोनीनाइजर पर 11 करोड की जमीन घोटाले का आरोप लगाया एडव्होकेट व्यास ने

देवास। एडव्होकेट देवेन्द्रसिंह व्यास ने अपने पक्षकार दीपक पिता शिवा चौधरी के लिए आज प्रेस वार्ता लेकर बताया कि नवरत्न हेरीटेज नाम से कालोनी विकसित की गई यह जमीन पारस जैन पिता रकब जैन के नाम पर कभी थी ही नहीं। नवरत्न हेरीटेज कालोनी के दस्तावेजों में जो सर्वे नम्बर 274/5/1, 274/5/2 व 275/3 का उल्लेख है असल में वो सर्वे नम्बर शासकीय दस्तावेज में कभी था ही नहीं। नवरत्न कालोनी का जो सर्वे नम्बर 275/5 है उसे पारस जैन, गौरव जैन व अन्य के द्वारा फर्जी तरीके से राजस्व रिकार्ड में दर्ज किया गया। इनके पास उस सर्वे नम्बर 275/5 का कोई आधार नहीं है। यह कि सर्वे नम्बर 275/5 की रजिस्ट्री पारस जैन, गौरव जैन व अन्य के पास कभी थी ही नहीं।

पारस जैन ने जब राजस्व रिकार्ड में छोड़छाड की तब किसी शशिबाई नामक महिला को शामिल किया जबकि गौरव जैन व अन्य को रजिस्ट्री की गई जब सुशीला बाई नामक महिला को खड़ा किया गया। नवरत्न हेरीटेज कालोनी की भूमि में पारस जैन, गौरव जैन व अन्य के द्वारा एक सर्वे नम्बर 275/3 को शामिल किया गया जो किसी अन्य संस्था के नाम से राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। नवरत्न हेरीटेज कालोनी शासकीय रिकार्ड में काटापीटी कर कूट रचित दस्तावेज के आधार पर विकसित की गई। कालोनी की जो मान्यता है वह भी फर्जी दस्तावेजों को आधार  बनाकर शासकीय अधिकारियों से सांठगांठ कर प्राप्त की गई है। नवरत्न हेरीटेज कालोनी से पारस जैन, गौरव जैन व अन्य के द्वारा लगभग 11 करोड से अधिक रूपये देवास की आम जनता सेे ऐठने की पूरी योजना बना ली। जिसकी शिकायत करने पर भी शासन प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। 

वही इसी विषय पर कालोनीनाइजर गौरव जैन का कहना है की यह लोग मुझे पेसो के लिए ब्लेकमेल कर रहे है और इनके सभी आरोप निराधार और झूठे है। हमारे पास सभी दस्तावेज मौजूद है। अगर न्याय पालिका हमसे दस्तावेज मांगेगी तो हम वहा सभी दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे।

देवास टाइम्स। कालोनीनाइजर गौरव जैन ने नवरत्न हेरिटेज के मामले में सारे आरोप निराधार ओर झूठे बताए, जरूरत पड़ने पर सारे दस्तावेज न्यायलय प्रस्तुत करेंगे। साथ ही बदनाम करने वाले लोगो पर मानहानि का दावा भी लगाएंगे।

Post Author: Vijendra Upadhyay