डेंगू अलर्ट: कारण,लक्षण,निदान और उपचार के विषय में संक्षिप्त जानकारी

डेंगू में समय पर इलाज नहीं मिलने पर मरीज की जान को खतरा हो सकता है।  बारिश के मौसम में मच्छरों की प्रजनन दर बहुत तेजी से बढ़ती है और इसके साथ ही मच्छरों के द्वारा फैलने वाली बीमारियां जैसे मलेरिया, डेंगू भी बहुत तेजी से फैलते हैं जो हर साल 390 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करता है।  मच्छरों की प्रजनन दर की रोकथाम के लिए कदम उठाने से काफी हद तक डेंगू के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिल शक्ति है आपको खुद और अपने परिवार को डेंगू बुखार से बचाने के लिए कुछ सावधानियों का पालन करना चाहिए।                                                          

डेंगू बुखार की शुरुआत कुछ साधारण लक्षणों से होती हैं जिन्हें लोग आमतौर पर पहले नजरअंदाज कर देते हैं।  क्लासिकल डेंगू फीवर एक तरीके का वायरल फीवर है जो मादा मच्छर एडीज  एजिप्टटी  के काटने से फैलता है ।   इस मच्छर की खासियत यह है की यह दिन   में ही काटता है  सूर्योदय  के 2से 3  घंटे बाद और सूर्यास्त के 2 से 3 घंटे पहले काटता है। इस समय हमें मच्छर के काटने से बचाव पर ध्यान देने की आवश्यकता है। डेंगू का वायरस मूल रूप से 4 तरह का होता है।  सीरो टाइप डन 2 और डन सीरोटाइप 4 ज्यादा खतरनाक होता हैं। डेंगू वाले मच्छर के किसी इंसान को काटने के बाद डेंगू का वायरस इंसान के ब्लड में 2 से 7 दिनों तक रहता है | 
     डेंगू बुखार के  लक्षण  मच्छर के काटने से के 4 से 7 दिनों में दिखते हैं बुखार अक्सर तेज होता है और दिन में चार पांच बार आता है। डेंगू बुखार तकरीबन 7 से 10 दिनों तक बना रहता है और अपने आप ठीक हो जाता है बुखार से प्रभावित उन लोगों में से 10 फ़ीसदी को ही हॉस्पिटल ले जाने की जरूरत होती है। 

      क्लासिकल डेंगू फीवर के सामान्य लक्षण है
 तेज बुखार,तेज बदन दर्द, सिर  दर्द, खास तौर पर आंखों के पीछे दर्द, शरीर पर लाल दाने, उल्टी आना, पेट दर्द होना आदि क्लासिकल डेंगू फीवर के सामान्य लक्षण है।
  डेंगू हेमोरेजिक फीवर के मुख्य  लक्षण –   लगातार पेट दर्द होना, नाक मुंह, मसूड़ों से या किसी और अंग से खून का रिसाव होना, त्वचा से लाल लाल दाने निकलना, लगातार उल्टी होना ,उल्टी में खून आना, लैट्रिन मैं खून जाना , बहुत प्यास लगना और हाथ पैरों का ठंडा पढ़ना।

डेंगू फीवर में कौन सी जांच की जाती है– 1. सामान्यता डेंगू NS1 Antigen टेस्ट की जाती है|        अगर  पॉजिटिव है इसका मतलब मरीज को  डेंगू फीवर है (2 से 5 दिन ) यह टेस्ट करना आसान है और रिजल्ट तुरंत मिलता है।
 एनएस एंटीजन टेस्ट की विश्वसनीयता  50% से 70% तक ही होती है ।  IgM एंटीबॉडी पॉजिटिव आता है 3 से 7 दिन के भीतर अगर यह पॉजिटिव है तो इसका मतलब यह है कि डेंगू इंफेक्शन हफ्ते भर के अंदर ही हुआ है। IgG एंटीबॉडी पॉजिटिव होता 7 दिन के बाद और यह लंबे समय तक खून में मौजूद रहता है।  यह दर्शाता है कि डेंगू इंफेक्शन पुराना है। 2. डेंगू एलाइजा टेस्ट डेंगू की जांच की गोल्ड स्टैंडर्ड टेस्ट है इस जांच की विश्वसनीयता 100% होती है इस मे समय लगता है।3.डेंगू पीसीआर टेस्ट यह बहुत महंगा टेस्ट होता है।खून की अन्य सहायक जांचें। इस प्रकार है     सीबीसी, हिमोग्लोबिन, हेमेटोक्रिट,टोटल ल्यूकोसाइट काउंट, प्लेटलेट काउंट, प्लेटलेट काउंट बीमारी की गंभीरता देखने के लिए की जाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्लेटलेट काउंट 5 से 7 दिन के बाद गिरने लगते हैं। जब मरीज बुखार ठीक हो जाता है और मरीज को लगता है कि वह पूरी तरह से स्वस्थ हो चुका है जबकि उसके प्लेटलेट कम होने लगते हैं और उसे भर्ती होने की आवश्यकता होती है।  ऑटोमेटिक मशीन द्वारा की गई प्लेटलेट्स की गणना विश्वसनीय नहीं होती है। प्लेटलेट्स की गणना माइक्रोस्कोप में देखकर पैथोलॉजिस्ट द्वारा ही की जाना चाहिए यही विश्वसनीय होता है।

हेमेटोक्रिट या पैक सेल वॉल्यूम पेशेंट के हाइड्रेशन का स्तर चेक करता है डेंगू के पेशेंट में जैसे कि प्लाज्मा लीकेज हो होता है और हीमोकंसंट्रेशन होता है इसका अंदाजा हेमेटोक्रिट की जांच से पता चलता है। अगर हीमेटोक्रिएट का लेवल 20 परसेंट से ज्यादा है तो हीमोकंसंट्रेशन हो रहा है और यह शॉक सिंड्रोम के पहले की स्थिति होती है। हेमेटोक्रिट लेवल हर 24 घंटे में किया जाना चाहिए जिससे कि हमें जल्द से जल्द डेंगू हेमोरेजिक फीवर के बारे में पता चल सके।

डेंगू फीवर के पेशेंट में प्लेटलेटस चढ़ाने की आवश्यकता कब होती है?
       जिस मरीज का प्लेटलेट काउंट 20000 से कम है और जिनमें ब्लीडिंग होने का खतरा भी ज्यादा होता है उन्हें तुरंत प्लेटलेट्स की बोतल चढ़ाना चाहिए। जिन मरीजों में में प्लेटलेट काउंट 21000 से 40000 है उन्हें बिल्डिंग के चांसेस कम होता है उन्हें हेमरेजिक मेनिफेस्टेशन होने पर ही प्लेटलेट चढ़ाना चाहिए।   सामान्यता अगर किसी का प्लेटलेट काउंट 50000 से ऊपर है तो उन्हें प्लेटलेट चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती है।
             

डेंगू फीवर को किस तरह से रोका जाए
         डेंगू का मच्छर सामान्यता सुबह और शाम के समय ही दिन में काटता है इस मच्छर को हम काटने से रोक सकते हैं अगर कड़ाई से बताए गए उपायों का पालन करें तो।   डेंगू फैलाने वाले मच्छर कहां पैदा होते हैंडेंगू मच्छर सामान्यता साफ पानी में ही पैदा होते हैं।   छत पर रखी पानी की खुली टंकियों,में टूटे बर्तन,मटके, कुल्हड़ ,गमलों में एकत्र जल में, बेकार फेंके हुए टायरों में एकत्र जल में, बिना ढके बर्तनों में एकत्र जल में, कूलर में एकत्र जल में, किचन गार्डन में रुका हुआ पानी में, गमले, फूलदान, सजावट के लिए बने फव्वारे  में एकत्र जल  में  तेजी से अधिक संख्या में पैदा होते हैं।                     

क्या करें- 1 सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करे। 2- घर के आसपास के गड्ढों को  भरदे पानी से भरे रहने वाले स्थानों पर टीमों फास्ट मिट्टी का तेल या जलावा इंजन ऑयल डालें। 3- घर एवं आसपास अनुपयोगी सामग्री में पानी जमा ना होने दे। 4- सप्ताह मैं एक बार अपने टीम डिब्बा बाल्टी इत्यादि का पानी खाली कर दे दोबारा उपयोग होने पर उन्हें अच्छी तरह सुखा है। 5- सप्ताह में एक बार अपने कूलर का पानी खाली कर दें फिर सुखाकर ही उनका उपयोग करें। 6- पानी के बर्तन आदि को ढक कर रखें। 7 – हैंड पंप के पास पानी एकत्र ना होने दें।

डेंगू निवारक उपायों में मुख्य रूप से मच्छरों के प्रजनन को रोकने के उपाय और मच्छरों के काटने से बचाव के तरीके शामिल है। 1. मच्छरों को काटने से रोके इसके लिए पूरी बाहे के कपड़े पहने और अपने शरीर के सभी हिस्सों को ढकने की कोशिश करें। रात को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें बाहर निकलने से पहले आप मच्छर भगाने वाली क्रीम भी लगा सकते हैं। 2. घर के अंदर सुरक्षित रखें।आपका घर मच्छरों के प्रजनन को भी बढ़ावा दे सकता है इसके लिए अपने घर को साफ करना सबसे पहला और सबसे बुनियादी कदम है रुके हुए पानी में मच्छरों के प्रजनन को बढ़ावा मिलता है इसलिए भूल से कहीं भी पानी इकट्ठा ना होने दें।3. दरवाजे और खिड़कियां बंद रखेंखुले दरवाजे और खिड़कियां सीधे आपके घर में मच्छरों को आमंत्रित कर सकती है उपयोग में ना होने पर दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें। 4. लक्षण जानिएप्रारंभिक पहचान और उपचार आपको बेहतर तरीके से स्थिति से लड़ने में मदद कर सकते हैं आपको डेंगू के शुरुआती लक्षणों को अच्छी तरह से समझना चाहिए ताकि आप जल्द से जल्द उसका इलाज कर सकें तेज बुखार तेज सिर दर्द उल्टी आंखों के पीछे दर्द मांसपेशियों जोड़ों में दर्द और शरीर पर लाल चकत्ते इसके कुछ सामान्य लक्षण है5. अपने बच्चों को मच्छरों से बचाएंबच्चे अधिक से अधिक समय बिताते हैं जो मच्छरों से उनके संपर्क बढ़ा सकता है जिससे उन्हें डेंगू बुखार होने की संभावना बढ़ जाती है बचाव के लिए अपने बच्चों को फुल स्लीव के कपड़े पहना है और मच्छर भगाने वाली क्रीम का भी इस्तेमाल करें अपने बच्चों को बाहर के बजाए इंडोर गेम्स में शामिल करने की कोशिश करें।
               

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें – डेंगू रोग विशेषज्ञ डॉ पवन कुमार चिलोरियां MBBS,MDहृदय स्वास्थ एवं मधुमेह रोग विशेषज्ञमोबाइल नंबर 98272 65457 प्राइम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, सिविल लाइन मैन रोड, देवास

Post Author: Vijendra Upadhyay