दीपावली में मानक स्तर के पटाखे का प्रयोग ही करें

*दीपावली में मानक स्तर के पटाखे का प्रयोग ही करें*
*रात 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ध्वनिकारक पटाखों का इस्तेमाल पूर्णतः प्रतिबंधित होगा*
देवास 16 अक्टूबर 2017/* दीपावली प्रकाश का पर्व है। दीपावली पर विभिन्न प्रकार के पटाखों का उपयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है। ज्वलनशील एवं ध्वनि कारक पटाखों के उपयोग के कारण परिवेशीय वायु में प्रदूषक तत्वों एवं ध्वनि स्तर में वृद्धि होकर पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कुछ पटाखों से उत्पन्न ध्वनि की तीव्रता 100 डेसीबल से भी अधिक होती है। इस प्रकार के प्रदूषण से मानव अंगों पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। कलेक्टर आशीष सिंह ने जिले के सभी एसडीएम को ध्वनि प्रदुषण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए नागरिकों को भी प्रेरित करने को कहा है।
ग्राहकों को दें जानकारी
कलेक्टर ने कहा कि सभी एसडीएम फुटकर पटाखा व्यवसाय के लिए लायसेंसधारी व्यवसायियों को निर्देशित करें कि वे ध्वनि प्रदुषण से होने वाले दुष्परिणामों एवं मानक स्तर के पटाखों से जानकारी से भरपूर पेम्पलेट छपवाकर अपने प्रत्येक ग्राहक को आवश्यक रूप से दें।
*रात 10 बजे से पटाखें फोड़ना रहेगा प्रतिबंध*
कलेक्टर ने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार रात 10 बजे से अगले दिन सुबह 6 बजे तक किसी भी प्रकार के ध्वनिकारक पटाखों का चलाया जाना पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।
*दुर्घटनाओं की रहती है संभावनाएं*
क्षेत्रीय अधिकारी मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देवास जे.के. केसरे ने बताया है कि पटाखों के जलने से उत्पन्न् कागज के टुकड़े एवं अधजली बारूद बच जाती है तथा इसके कचरे के संपर्क में आने वाले पशुओं एवं बच्चों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना रहती है। उन्होंने आमजन से आग्रह किया है कि पटाखों का उपयोग सीमित मात्रा में करे एवं पटाखों को जलाने के पश्चात उत्पन्न कचरे को घरेलू कचरे के साथ न रखें। उन्हें अलग स्थान पर रखकर नगरीय निकाय के कर्मचारियों को सौंप दें। नगर निगम एवं नगर पालिकाओं के कर्मचारियों से कहा है कि कचरे का सुनिश्चित निष्पादन करें।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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