श्री राम कथा में आज भगवान श्री राम का जन्मोत्सव मनाया गया भक्तों का उद्धार करने के लिये भगवान जन्म लेते है – सुलभ शांतु जी


देवास। आनंद भवन पेलेस पर चल रहे परम श्रद्धेय संत शिरोमणि श्री रविशंकर जी महाराज रावतपुरा सरकार के सानिध्य में चार्तुमास एवं अनुष्ठान में चल रही श्री राम कथा के अन्तर्गत आज भगवान श्री रामजी का जन्मोत्सव मनाया गया। कथा वाचक आचार्य सुलभ शांतु जी महाराज ने आज भगवान राम जी के जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया। उन्होने कहा कि महाराज दशरथ के मन में ग्लानि हुई कि मेरा पुत्र नहीं है मेरे बाद अयोध्या का उत्तराधिकारी कौन होगा। यह सोचकर महाराज दशरथ सबसे पहले अपने गुरु वशिष्ठ के पास गये प्रणाम किया और निज दुख सुख सब गुरुदेव को बताया और पुत्र के नहीं होने का दुख बताया। गुरुदेव ने कहा कि महाराज दशरथ आपको एक नहीं चार चार पुत्र होंगे भक्तों के दुखों का अंत करने वाले भगवान आपके घर में जन्म लेंगे, उन्होंने पुत्र प्राप्ति के लिये यज्ञ की रचना की। दशरथ जी रानियों के साथ बैठे है और आहुति गुरूदेव वशिष्ठ दे रहे है। यज्ञ के उपरांत साक्षात अग्नि नारायण देव प्रकट हुए और गुरुदेव भगवान को कहा कि जिस मनोकामना के लिये आपने यज्ञ किया आपकी मनोकामना पूरी हुई इस प्रसाद को ले जाकर महाराज दशरथ को कहियें यथा योग्य रानीयों में बांट दे। राजा दशरथ ने प्रसाद का वितरण रानी कौशल्या, कैकेयी, और सुभद्रा जी को बांट दिया। समय बीतता गया और चेत्र मास शुक्ल पक्ष नवमी के दिन मंगलवार को माँ कौशल्या के उदर से मध्यान्ह के समय भगवान श्री राम का प्राकट्य हुआ। प्रभु के प्रकट होते ही देवाधिदेव महादेव ने अपना डमरू बजाया गंधर्वों ने ताल मिलाकर प्रभु की स्तुति गायी। सब हर्षित हो रहे, मेघ बरस रहे है, सारे देवता गण स्तुती कर रहे है। गोस्वामी तुलसीदास जी कहते है कि जो व्यक्ति इस प्रसंग को गाता है सुनता है उसका कल्याण हो जाता है। कथा के दौरान महाराज श्री ने कहा कि वेद भगवान के सेतु है जो भक्त और भगवान को जोड़ते है। सेतु को माध्यम बनाकर ही भक्त भगवान तक पहुंचता है। मंदिर सेतु है, भक्त और भगवान के मिलन का वेद सेतु है, भक्ति सेतु है, साधु सेतु है, गौमाता सेतु है, धरती सेतु है ,और इस धरती पर ही भगवान अपनी लीला करने के लिए आते है। महाराज श्री ने बताया कि 26 जुलाई को भगवान की बाल लीलाओं की कथा होगी। कथा के समापन के अवसर पर आरती विधायक राजमाता गायत्री राजे पवार, देविका राजे पवार, देवास व्यापारी एसोसिएशन एवं पोरवाल समाज द्वारा सम्पन्न की गई। प्रतिदिन अनुसार आज भी महाराज श्री द्वारा अभिमंत्रित रूद्राक्षों का वितरण किया गया।

Post Author: Vijendra Upadhyay