लोकमाता अहिल्या का व्यकित्तव बहुआयामी था – अनधा साठे


– आनंद भवन पेलेस पर सम्पन्न हुआ अहिल्या संगम

देवास। संत सिरोमणी रावतपुरा सरकार के सानिध्य में चल रहे चातुर्माव व्रत अनुष्ठान के अन्तर्गत आज कथा स्थल पर अहिल्या संगम  कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उपरोक्त आयोजन में हजारों की संख्या में मातृशक्ति उपस्थित रही। कार्यक्रम में स्वागत भाषण विधायक राजामात गायत्री राजे पवार ने दिया। उन्होंने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि देवास मां चामुण्डा एंव तुलजा भवानी का शहर है ओर दोनों ही माताओं  का आर्शिवाद हम मातृशक्तियों पर है आप देख सकते है। मैं स्वयं विधायक हूं, गीता अग्रवाल महापोर है और लीला अटेरिया जिला पंचायत अध्यक्ष है यह भगवती का ही आशिर्वाद है। उन्होंने कहा कि अहिल्यादेवी को लोकमाता का दर्जा है जिसका अर्थ होता है कि वह जन जन की माता है मैं उनके चरणाों में वंदन करती हूं माता अहिल्या महिलाओं के लिये प्रेरणा थी महिलाओं के अधिकार के लिये उन्होंने कई सराहनीय कार्य किये।  कार्यक्रम में माला जी ठाकुर ने संबोधीत करते हुए कहा कि हम  लोकमाता अहिल्यादेवी का जन्म जयंती वर्ष मनाने जा रहे है लोकमाता का जीवन काल बहुत ही संघर्ष पूर्ण रहा लोकमाता ने कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक यात्रा करके महिलाओं के अधिकारों के लिए अलख जगाया और महिलाओं को जाग्रत किया।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता श्रीमती अंनधा साठे ने संबोधीत करते हुए कहा कि हम सब यहां पर देवी अहिल्या का चरित्र सुनने के लिए एकत्रीत हुए है यह उनका 300 वां शताब्दी वर्ष है उनका व्यक्तित्व अनोखा ही था उनका व्यक्तित्व बहुआयामी था सहनशीलता निश्चलता सितलता उनके जीवन में दिखाई देती है। वे शिवजी की परम भक्त थी प्रतिभाशाली, ज्ञानी, दानी थी अहिल्याबाई की सास ने उनको बेटी का अधिकार दिया। उन्होंने अपनी प्रजा को बढ़ाने के लिये प्रयास किया उन्होंने उनके पति के मृत्यु पर सती होने का निर्णय लिया लेकिन उनको जब राज्य को बचाने का  आग्रह किया तो उन्होंने सती बनने का इरादा त्याग दिया। पति की मृत्यु के बाद उन्होंने पुरे राज्य का कार्यभार संभाला और अपने कर्तव्य को पुरा किया।अहिल्याबाई होलकर ने अपने राज में काशी के विश्वनाथ मंदिर, गुजरात के सोमनाथ मंदिर के निर्माण सहित कई अन्य कार्यो को पुरा किया। कार्यक्रम में परम पूज्य गुरूदेव रावतपुरा सरकार ने  कहा कि लोकमाता अहिल्या देवी जो जन जन की माता थी उनका अच्छा प्रशासन था उनका जीवन प्रेरणादायी था उन्होंने विधायक राजमाता को इस कार्यक्रम के अयोजन के लिये बधाई दी।  उन्होंने कहा की लोकमाता अहिल्याकई ने कई घाटों का निर्माण किया हम अच्छा काम करे  यह उनके जीवन से सीखना चाहिए। कार्यक्रम में विशेष रूप से उदयराजे जी अहिल्या राजवंश के वंशज चंदन जी गुप्ता, सुखराम जी, अजय जी गुप्ता महापोर गीता अग्रवाल एवं दुर्गेश अग्रवाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन इन्द्रा दीदी शर्मा ने किया एवं आभार विजय गेहलोत ने माना।

Post Author: Vijendra Upadhyay