थाना खातेगांव क्षेत्र में 27.50 लाख रुपये की बड़ी चोरी का 30 दिन में पर्दाफाश
पुलिस की 10 टीमों की सघन पड़ताल, ऑपरेशन “त्रिनेत्रम” के कैमरों व व्हाट्सएप ग्रुप की अहम भूमिका
देवास। दिनांक 24-25 अप्रैल 2025 की दरम्यानी रात को बकतरा से इंदौर जा रही मालवीय बस से हुई 27.50 लाख रुपये की बड़ी चोरी का पुलिस ने 30 दिन में पर्दाफाश कर दिया है। इस मामले में दो कुख्यात आरोपियों को गिरफ्तार कर चोरी गया पूरा मश्रुका बरामद कर लिया गया है। इस सनसनीखेज मामले के खुलासे में देवास पुलिस की 10 टीमों में शामिल 50 पुलिसकर्मियों ने दो राज्यों के छह जिलों में 15 से अधिक स्थानों पर दबिश दी। करीब 190 किलोमीटर की दूरी तक फैले 450 सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। “ऑपरेशन त्रिनेत्रम” के तहत स्थापित कैमरों के नेटवर्क और गांव-गांव में बने व्हाट्सएप कम्युनिटी ग्रुप एक बार फिर पुलिस के लिए बेहद उपयोगी साबित हुए। दिनांक 25.04.2025 को फरियादी अनुज कुमार सोनी पिता कमल प्रसाद सोनी निवासी सराफा चौक बकतरा थाना शाहगंज जिला सीहोर एवं उनके मित्र हर्षल सोनी द्वारा थाना खातेगांव पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। दोनों व्यापारी लंबे समय से इंदौर स्थित कारीगरों को गहनों की मरम्मत और निर्माण कार्य हेतु माल भेजते आ रहे थे।
दिनांक 24.04.2025 को उन्होंने करीब 24.10 लाख रुपये कीमत के गले हुए सोने के आभूषण और 3.40 लाख रुपये नगद, दो अलग-अलग पैकेटों में रखकर मालवीय बस में इंदौर भेजा। परंतु 25 अप्रैल की सुबह जब इंदौर में व्यापारी को पार्सल नहीं मिला, तो दोनों को शक हुआ। जानकारी लेने पर ड्राइवर ने बताया कि दो संदिग्ध युवक बस में सवार थे, जो खातेगांव के पास रात 2:15 बजे जायसवाल ढाबे पर उतर गए।
पुलिस की कार्यवाही:
घटना की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी श्री विक्रांत झांझोट मौके पर पहुंचे। आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगालने पर दो संदिग्ध बार-बार बस में चढ़ते-उतरते और झोले के साथ जाते देखे गए। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना खातेगांव में अपराध क्रमांक 342/2025 धारा 303(2) बीएनएस के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक देवास श्री पुनीत गेहलोद के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्रीमती सौम्या जैन एवं अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) कन्नौद श्री आदित्य तिवारी के मार्गदर्शन में चार विशेष पुलिस टीमों का गठन किया गया। 450 सीसीटीवी फुटेज खंगालकर ऑपरेशन त्रिनेत्रम के तहत मिले वीडियो व्हाट्सएप कम्युनिटी ग्रुपों में भेजे गए, जहां से आरोपियों की पहचान में सहायता मिली। मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने मंगल उर्फ मंगू पिता बादामीलाल कुचबंदिया को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसने अपने साथी राजा पिता आजाद सिंह के साथ मिलकर रेकी की थी। दोनों ने बरेली से बस में सवार होकर बकतरा से पार्सल चढ़ते ही खातेगांव में चोरी को अंजाम दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पूरा चोरी गया मश्रुका — ₹24,10,000 रुपये के सोने के आभूषण व ₹3,40,000 रुपये नगद — बरामद कर लिया है।
गिरफ्तार आरोपी:
मंगल उर्फ मंगू पिता बादामीलाल कुचबंदिया, निवासी वार्ड क्रमांक 01, टंकी मोहल्ला, हरदा; हाल निवासी नीलम कॉलोनी, जहांगीराबाद, भोपाल
राजा पिता आजाद सिंह कुचबंदिया, निवासी कुम्हारपुरा, ठाठीपुर, जिला ग्वालियर; हाल निवासी भानपुर झुग्गी बस्ती, भोपाल
आपराधिक इतिहास:
मंगल उर्फ मंगू पर भोपाल, हरदा, सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम आदि जिलों में 13 आपराधिक प्रकरण, जिनमें लूट, चोरी, जुआ, आर्म्स एक्ट जैसे मामले दर्ज हैं।
राजा उर्फ आजाद सिंह पर ग्वालियर, दतिया और भोपाल जिलों में 13 गंभीर प्रकरण, जिनमें लूट, चोरी, मारपीट और आर्म्स एक्ट शामिल हैं।
सराहनीय योगदान:
इस पूरे खुलासे में थाना प्रभारी श्री विक्रांत झांझोट, उनि नरेन्द्र सिंह ठाकुर, प्रआर जितेन्द्र सिंह तोमर, यतीश तिवारी, रविन्द्र सिंह तोमर, ओमप्रकाश पाटील, एसएएफ के आर. आनन्द जाट, सैनिक मनीष बाथोले, और साइबर सेल टीम के प्रआर सचिन चौहान, शिव प्रताप सेंगर, आर. मोनू राणावत का सराहनीय योगदान रहा।