परमात्मा जीव मात्र के निस्वार्थ मित्र हैं- पं. प्रदीप मिश्रा

देवास। जगत में परमात्मा को छोड ऐसा अन्य कोई नहीं है जो अपना सर्वस्व किसी को दे दे। यदि सेवा और स्तुति करना है तो भगवान की करो। जीव जब ईश्वर से प्रेम करता है तब ईश्वर जीव को भी ईश्वर के समान पूज्यनीय बना देता है। संसार में स्वार्थ भाव एवं प्रात्पि के भाव से ही मित्र तत्व बनते हैं, केवल परमात्मा ही जीव मात्र के नि:स्वार्थ मित्र है। यह आध्यात्मिक विचार मण्डी धर्मशाला में नवनिधि सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित 108 श्रीमद भागवत महोत्सव एवं भागवत कथा के समापन अवसर पर भागवताचार्य पं. प्रदीप मिश्रा ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि शारीरिक मिलन तुच्छ है मन का मिलन दिव्य है। यदि धनी व्यक्ति दरिद्र को हृदय से सम्मान दे तो आज भी सभी नगर द्वारका जैसे समृद्ध हो सकते हैं। आपने भागवत कथा के सार का सुंदर वर्णन करते हुए कहा कि आत्मा और परमात्मा के मिलन का सेतु भागवत कथा है। जीवन में जितनी भक्ति प्राप्त होती है मुक्ति उतनी सरल होती है। ईश्वर से बड़ा दुनिया में कोई नहीं है। दुनिया बड़ा उसी को मानती है जो अपने आप को छोटा मानता है, रामजी के सभी बडे कार्य हनुमान जी ने किए किंतु उन्होंने खुद को छोटा माना कभी बडे बनकर नहीं रहे। पाप की कमाई से पला परिवार अधर्म के मार्ग पर ही चलेगा। कोई पत्नी अपने पति से, कोई बेटा अपने पिता से यह नहीं कहता कि हमारे पालन के लिये पाप करो। पाप कर्म का भोग स्वयं को भोगना पड़ेगा। अगर पाप की कमाई से परिवार पाला तो परिवार के लोग भी अधर्म के मार्ग पर चलेंगे। पुण्य की कमाई से पला परिवार श्रेष्ठ आदर्शो को ग्रहण कर सकता है। अपने पति को धर्म मार्ग पर चलाए वहीं धर्म पत्नी है, सुदामा की पत्नी सुशीला ने दरिद्रता के कारण सुदामा को कृष्ण से मिलने नहीं भेजा था, उसमें तो यह भाव थे कि आप भगवान की शरणागति में जाओ दशा तो अपने आप सुधर जाएगी। सुदामा कृष्ण से मांगने नहीं मिलने गए थे। हम मंदिरों में जाकर अगर प्रभु से कुछ मांगते है तो कुछ नहीं मिलेगा, किंतु निष्काम भाव से उसकी कृपा के प्रति कृतज्ञ होंगे तो हर प्रकार की कामना पूरी होगी।
श्रीमद भागवत की पूजा नवनिधि सामाजिक संस्था के शरद कुमार अग्रवाल, हीरालाल अग्रवाल अनु अग्रवाल, ओमप्रकाश बंसल, राजेश गोयल, राजु अग्रवाल कोल्ड्रिक वाले, प्रेम कुमार अग्रवाल, बसंत अग्रवाल, बालकिशन गोयल, वरूण अग्रवाल, आशीष गोयल, सोहन अग्रवाल, तरूण अग्रवाल ने सपरिवार की तथा अग्रवाल महिला प्रगति संगठन द्वारा नवनिधि सामाजिक संस्था के पदाधिकारियों का सम्मान किया। आरती में बालकिशन गर्ग, राधेश्याम अग्रवाल, राधेश्याम सोनी, डॉ. प्रकाश गर्ग, विजया जोशी, सरिता मालवीय, अग्रसेन महिला मंडल आदि उपस्थित थे। कथा का संचालन मीडिया प्रभारी चेतन उपाध्याय ने किया तथा आभार रामेश्वर जलोदिया ने माना। बड़ी संख्या में मातृशक्ति एवं पुरूष वर्ग उपस्थित थे। भंडारे के भव्य आयोजन में 5 हजार से अधिक महिला पुरूषों ने महाप्रसादी ग्रहण की। 108 श्रीमद पुराण के मूलपाठ के यजमानों में पं. प्रदीप मिश्रा ने पूजन सामग्री भेंट कर सम्मान किया।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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