भागवत कथा के उपदेशों पर चलकर मनुष्य इस कलयुग में ईश्वर को प्राप्त कर सकता है- सुश्री अर्चना दीदी

देवास। भागवत कथा भगवान कृष्ण का दूसरा रूप है और इसके पठन-पाठन से मनुष्य को पापों से मुक्ति व सर्व सुखों की प्राप्ति होती है। उक्त विचार अमोना के विद्यापुरी कॉलोनी में चल रही श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचिका सुश्री अर्चना दीदी ने व्यक्त किए। मीडिया प्रभारी अनिलसिंह ठाकुर ने बताया कि देवकरण पटेल एवं अजय पटेल सर द्वारा श्रीमद भागवत कथा आयोजित की गई, जिसे श्रवण करने के लिए हजारो की संख्या में भक्त जन पधार रहे है। दीदी ने कहा कि बुद्धिमान व्यक्ति वही है, जो ज्ञान की हर बात को ग्रहण करे और अपने जीवन में अपनाए। महापुरुषों के प्रवचनों पर अमल करने से हमें परम सुख की प्राप्ति होती है, वहीं सत्य के मार्ग पर चलने की भी प्रेरणा मिलती है। भागवत कथा में दिए उपदेशों पर चलकर मनुष्य इस कलयुग में ईश्वर को प्राप्त कर सकता है। सात दिन चलने वाली वाली कथा का श्रद्धालुओं को मन से श्रवण करना चाहिए। कलियुग में श्रीमद् भागवत महापुराण श्रवण कल्पवृक्ष से भी बढ़कर है। क्योंकि कल्पवृक्ष मात्र तीन वस्तु अर्थ, धर्म और काम ही दे सकता है। मुक्ति और भक्ति नहीं दे सकता है। लेकिन श्रीमद् भागवत तो दिव्य कल्पतरु है यह अर्थ, धर्म, काम के साथ साथ भक्ति और मुक्ति प्रदान करके जीव को परम पद प्राप्त कराता है। व्यासपीठ की आरती हरिसिंह दरबार, बालाराम पटेल, बाबू पटेल, सुभाष पटेल सहित उपस्थित भक्तो ने की।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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