निगम के अखाड़े में तेज़ हुए दांव पेंच

मोहन वर्मा 9827503366

देवास नगर निगम में बीते कुछ समय से कुछ भी अच्छा नही चल रहा है. निगम के अखाड़े में दोनों ही दलों के राजनेताओं द्वारा तेज दांव पेंच आजमाए जा रहे है.कभी भाजपा के पोस्टर्स में कांग्रेस विपक्षी दल नेता का अभिवादन करता फोटो नजर आता है, तो कभी भाजपा पार्षद द्वारा अपने ही दल के खिलाफ आन्दोलन में कांग्रेस की घुसपैठ नजर आती है. महापौर अपने ही दल के पार्षद पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते है तो पार्षद महापौर की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते है. कुल जमा नगर निगम राजनैतिक दांवपेंच के अखाड़े में तब्दील होता नजर आ रहा है.

अभी पिछले दिनों वार्ड 34 के रहवासियों द्वारा शिलान्यास का पत्थर वापस करने गये भाजपा पार्षद राजेश यादव के साथ कांग्रेस के पूर्व महापौर जयसिंह ठाकुर तथा अन्य कांग्रेसियों की निगम आयुक्त विशाल सिंह चौहान के साथ जबरजस्त झड़प, और उसके बाद आयुक्त द्वारा कोतवाली में जयसिंह ठाकुर व् चंद्रपाल सिंह सोलंकी के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया गया था जिसके पलटवार में कांग्रेस ने भी प्रदर्शन करते हुए पूर्व सांसद सज्जनसिंह वर्मा की अगुवाई में थाना घेर कर आयुक्त के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज करने की मांग की थी.

इधर महापौर सुभाष शर्मा और पार्षद राजेश यादव द्वारा प्रेस नोट के माध्यम से एक दूसरे को आईना दिखाने की बात ठंडी भी नही हुई थी कि भाजपा पार्षद दिलीप बांगर द्वारा अपने वार्ड में भी सितम्बर 2015 को रानीबाग से इटावा नाले तक नाला निर्माण के लिए हुए शिलान्यास के काम के अबतक शुरू ना होने पर सवाल खड़े कर दिए और कहा कि निगम अधिकारियों ने शायद शहर के विकास को अवरूद्ध बनाने का ठान लिया है. निगम अधिकारियों को चाहिए कि टेण्डर शर्तों का पालन न करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करते हुए आमजनों को गुमराह करने वाला शिलान्यास न करे।

इसी तरह गंगानगर के रहवासियों द्वारा भी जनसुनवाई में पहुंचकर नगरनिगम की शिकायत की गई कि वर्ष 2012 में जनभागीदारी से सड़क निर्माण के लिए राशि जमा करवाने के बाद आज 6 वर्ष बाद भी काम नही हुआ है.

उक्त घटनाओं को देखते हुए ये बात तो साफ़ नजर आती है कि निगम द्वारा भूमिपूजन और शिलान्यास के बाद कामों को लेकर कोई निश्चित कार्ययोजना के साथ एक्शन न होने के अभाव में या फिर आपसी सामंजस्य की कमी से लोगों के साथ जनप्रतिनिधियों के आक्रोश में इजाफा हो रहा है जिसे लेकर आये दिन नगर निगम न सिर्फ राजनेताओं का अखाडा नजर आता है बल्कि इमानदारी से अपना काम करवाने, टैक्स भरने रोजाना सैकड़ों की संख्या में नगर निगम पहुंचने वाले नागरिकों तक भी नकारात्मक सन्देश पहुंच रहा है.

Post Author: Vijendra Upadhyay

Leave a Reply