गीता के ज्ञान से ही हमारे धर्म की रक्षा संभव
देवास। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में संपूर्ण भारत के अनेकों गायत्री शक्तिपीठ एवं प्रज्ञापीठों पर पावन गीता ग्रंथ का पूजन कर पाठ किया गया इसी क्रम में गायत्री शक्तिपीठ देवास पर भी युवा प्रकोष्ठ की टीम ने गीता का पाठ किया एवं गीताजी की पूजनकर आरती की गई। गायत्री शक्तिपीठ के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया कि गायत्री शक्तिपीठ देवास पर भी युवा प्रकोष्ठ की टीम ने गीता का पाठ किया एवं गीताजी का पूजनकर आरती की। इस अवसर पर युवा प्रकोष्ठ संयोजक प्रमोद निहाले ने अपने सम्बोधन में कहा कि गीताजी हमारे भारतीय धर्म का प्राण, ज्ञान एवं विश्वास है इसे हर भारतीय को अपने घरों में स्वाध्याय के लिए स्थापित करना चाहिए जिससे निरंतर हमारे दैनिक जीवन में धर्म व कर्म का ज्ञान बना रहे वहीं वरिष्ठ परिजन सुभाषचंद्र जैन ने भी कहा कि गीताजी के द्वारा हमारे धर्म की रक्षा हो सकती है क्योंकि गीता का ज्ञान ही हमें मोक्ष की ओर ले जाता है एवं हमें कर्म योगी बनाता है । इस अवसर पर चंद्रिका शर्मा, केशव पटेल, आशीष वर्मा अभिषेक कुशवाहा, हिमांशु शर्मा सहित अनेकों परिजन उपस्थित थे ।