मेंगलुरू के मंदिर में फेंकी थी आपत्तिजनक वस्तुएं:तीन साथियों में से एक की अचानक मौत हुई तो दो दोस्तों ने ‘भगवान के प्रकोप’ से बचने कबूला जुर्म

दक्षिण कर्नाटक के मेंगलुरू में पुलिस ने कोरगजा मंदिर में आपत्तिजनक वस्तुएं फेंकने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उन्होंने पुलिस के पास जाकर खुद अपना अपराध कबूला है।

दक्षिण कर्नाटक के मेंगलुरू में पुलिस ने कोरगजा मंदिर में आपत्तिजनक वस्तुएं फेंकने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने खुद पुलिस के पास जाकर अपना अपराध कबूला है। हालांकि उनका यह हृदय परिवर्तन अचानक नहीं हुआ। बल्कि अपराध में शामिल तीन साथियों में से एक के अचानक बीमार पड़ने और फिर उसके मरने के बाद हुआ। मरने से पहले उसने दोस्तों को नसीहत दी थी कि वे ‘भगवान के प्रकोप’ से बचने के लिए जुर्म कुबूल कर लें।

पुलिस के मुताबिक, घटना के बाद से दोनों आरोपियों की सेहत भी खराब रहने लगी थी, जिससे उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ। मेंगलुरू के पुलिस आयुक्त एन. शशि कुमार के मुताबिक, दोनों आरोपियों का नाम अब्दुल रहीम और तौफीक है। वे अपने दोस्त नवाज की मौत से डरे हुए थे। नवाज की हालत बिगड़ते और उसे मरते देख दोनों को लगा कि शायद ‘भगवान का प्रकोप’ ही उसकी मौत का कारण है।

जनवरी 2021 की 17 तरीख को में मंदिर की दानपेटी से एक आपत्तिजनक वस्तु निकली थी, जिसके बाद से वहाँ हड़कंप था। लेकिन तीन दिन पहले अचानक दूसरे समुदाय के दो लड़के मंदिर में आए और पुजारी के सामने माफी के लिए गिड़गिड़ाने लगे।
पहले पुजारी को लगा कि वह मजाक कर रहे हैं। लेकिन नहीं! वह गंभीर थे। उन दोनों ने पुजारी को बताया कि अपने साथी नवाज के साथ मिल कर उन्होंने ही कुछ दिन पहले मंदिर की दानपेटी में कंडोम डाला था

नवाज ने भी बीमारी की हालत में दोनों साथियों को अपराध स्वीकार करने के लिए कहा था। इसलिए मरने के डर से दोनों आरोपी पहले मंदिर के पुजारी के पास पहुंचे। उनके सामने अपना अपराध माना। इसके बाद मंदिर समिति ने पुलिस को खबर दी। उन दोनों ने पुलिस के सामने भी जुर्म कबूल किया।

नवाज माफी माँगने के लिए जिंदा नहीं था। दानपेटी में आपत्तिजनक वस्तुएं डालने के बाद उसे एक दिन खून की उल्टियाँ हुईं और फिर पेचिश से उसके मल से खून निकला। अंत में वह अपने घर की दीवारों पर सिर मारते हुए मर गया। मरते समय उसने उन्हें बताया कि कोरगज्जा उन सब पर नाराज हैं।
अब सिर्फ़ वही दोनों यानी अब्दुल रहीम और अब्दुल तौफीक ही जिंदा हैं। लेकिन वक्त बीतने के साथ रहीम को भी खून की उल्टियाँ शुरू हो गई हैं। बिलकुल वैसे ही जैसे नवाज को हुई थी। उसके बाद दोनों अपनी जान जाने के डर से घबराकर पुजारी की शरण में जाकर माफी की भीख माँग करने लगे। भगवान के सामने खड़े होकर दोनों ने सब स्वीकार कर लिया और दया की भीख माँगने लगे।
पुलिस ने कहा है कि दोनों को हिरासत में ले लिया गया है। दोनों अब भी डरे हुए हैं। मीडिया से बात करते हुए पुलिस ने भी कहा कि ये एक रहस्यमयी केस था। आरोपितों के जुर्म कबूलने के बाद सबूत जुटाने की कोशिश हो रही है। हालाँकि, कृत्य के पीछे का उद्देश्य साफ नहीं हो पाया है।

Post Author: Vijendra Upadhyay