अमित नगर गृह निर्माण संस्था पर धोखाधड़ी और करोड़ों की हेराफेरी का आरोप

अमित नगर गृह निर्माण संस्था पर धोखाधड़ी और करोड़ों की हेराफेरी का आरोप

औद्योगिक क्षेत्र पुलिस में एफआईआर, 11 लोगों के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया प्रकरण

देवास। अमित नगर गृह निर्माण संस्था मर्यादित बालगढ़, देवास के खिलाफ भूखंडों के अवैध आवंटन और संस्थापक सदस्यों को बाहर कर नए सदस्यों को जोड़ने का आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता ने औद्योगिक क्षेत्र थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। संस्था के अध्यक्ष और संचालक मंडल पर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से हेराफेरी और लाखों रुपये की अनियमितताओं का आरोप है।

शिकायतकर्ता रमेश बोर्डिया ने अपने साथियों सत्यनारायण लाठी, कमलेश लूनिया, टीकमचंद मोर्य, वीरेंद्र सांगते और योग चिंचाणी के साथ औद्योगिक क्षेत्र थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया कि वे टेंट हाउस का व्यापार करते हैं और उन्होंने वर्ष 1981-1982 में अमित नगर गृह निर्माण संस्था में भूखंड क्रमांक 34 बुक कराया था, जिसका क्षेत्रफल 30 बाय 50 यानी कुल 1500 वर्ग फीट था और सदस्यता क्रमांक 31 था। इसी प्रकार, संस्था में उनके परिचित मंजुला सत्यनारायण लाठी, टीकमचंद मोर्य, वीरेंद्र सांगते, स्व. देवनारायण लूनिया और पूजा महेश्वरी ने भी अपने भूखंड बुक कराए थे, जिनके क्षेत्रफल और सदस्यता क्रमांक अलग-अलग थे।

शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने और उनके साथियों ने किस्तों में पैसे जमा किए, लेकिन संस्था ने कब्जा देने या विकास कार्य करने का कोई प्रयास नहीं किया। वर्ष 2013 में संस्था ने विकास कार्य के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की, जिसके लिए शिकायतकर्ता ने 45,000 रुपये का चेक देने की पेशकश की। उनके साथियों ने भी 30,000 से 45,000 रुपये तक के चेक संस्था अध्यक्ष गुंजन चौधरी पिता दिलीपसिंह चौधरी (कंचन ज्वेलर्स) को देने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने रसीद देने में असमर्थता जताते हुए चेक लेने से मना कर दिया। बाद में जब चेक को कोरियर द्वारा भेजा गया, तो अप्रेल माह में संस्था ने उनकी सदस्यता समाप्त कर दी और चेक भी बैंक में नहीं लगाए गए।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि संस्था ने बिना किसी सूचना के उनकी जगह पर नए सदस्यों को जोड़ लिया और फाउंडर सदस्यों को नजरअंदाज किया। इसके बाद शिकायतकर्ता और मंजुला सत्यनारायण लाठी ने 14 जून 2021 को संस्था के विरुद्ध उपायुक्त देवास को लिखित शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद, उपायुक्त द्वारा पाया गया कि संस्था के अध्यक्ष गुंजन चौधरी और संचालक मंडल के अन्य सदस्य नितिन राव, प्रतीक चौधरी, गौरव पांडे, अभिमन्यु जैन, संदीप चौधरी, श्रीमती सोनाली चौधरी, बलजीत सिंह, श्रीमती ममता चौधरी, अमरीष चौधरी, और मनोज पटेल ने अनियमितताओं के साथ कार्य किए थे।

शिकायतकर्ता के अनुसार, संचालक मंडल में एक ही परिवार के सदस्यों को सदस्यता देना और फाउंडर सदस्यों को बाहर करना नियमों के विरुद्ध है। उपायुक्त ने संस्था को भंग करने और फाउंडर सदस्यों की सदस्यता बहाल करने का आदेश दिया, परंतु संस्था ने अब तक आदेश का पालन नहीं किया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि संस्था ने अवैध रूप से चुनाव कराकर उसी संचालक मंडल का पुनर्गठन कर लिया, जबकि फाउंडर सदस्यों को चुनाव प्रक्रिया से बाहर रखा गया।

संस्था द्वारा 2013 से 2023 तक 11 लाख 37 हजार रुपये नए सदस्यों से वसूले गए, जिनका कोई हिसाब संस्था की केस बुक या बैंक खाते में नहीं है। वर्ष 2019 में बनाए गए नए सदस्यों को उपायुक्त ने अपात्र घोषित किया था, जिनका भी कोई हिसाब संस्था के रिकॉर्ड में नहीं है। शिकायतकर्ता और उनके साथी इस आरोप को लेकर न्याय की मांग कर रहे हैं, जिसमें उनका कहना है कि संस्था के संचालकों ने भूखंडों को फर्जी तरीके से अपने रिश्तेदारों के नाम आवंटित कर लाखों रुपये का भ्रष्टाचार किया है।

फिलहाल औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने आरोपी गुंजन चौधरी पिता दिलीपसिंह चौधरी निवासी कंचन ज्वेलर्स गांजाभांग चौराहा देवास, संचालक मंडल के अन्य सदस्य नितिन पिता मधुकर राव निवासी मुक्तिमार्ग, देवास, प्रतीक पिता महेश चौधरी निवासी कालानी बाग देवास, गौरव पिता रजनीकांत पांडे निवासी सुभाष चौक देवास, अभिमन्यु पिता विपिन जैन निवासी सुभाष चौक देवास, संदीप पिता सच्चिदानंद चौधरी निवासी माहेश्वरी गली देवास, श्रीमती सोनाली पिता रंजिल चौधरी निवासी मैनाश्री कॉलोनी देवास, बलजीत सिंह पिता गुरुबक्ष निवासी स्टेशन रोड देवास, श्रीमती ममता पिता दिलीप चौधरी निवासी एमजी रोड देवास, अमरीष पिता दिलीपसिंह चौधरी निवासी कंचन ज्वेलर्स गांजाभांग चौराहा देवास, और मनोज पिता गंगाधर पटेल निवासी ग्राम टिगरियागोगा जिला देवास के खिलाफ धारा 420, 406, 120 बी के तहत केस दर्ज कर लिया है। शिकायतकर्ताओं ने पुलिस से मांग की है कि संस्था के अध्यक्ष और संचालक मंडल के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए और उनके भूखंडों की बहाली कराई जाए।

Post Author: Vijendra Upadhyay