महापौर गीता अग्रवाल ने न्यायालय में दर्ज कराया बयान
चुनाव याचिका मामले में हुई पेशी
देवास। देवास महापौर गीता दुर्गेश अग्रवाल पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में बनी हुई है। हाल ही में जहां एमआईसी में फेरबदल कर दो पुरुष सदस्यों को हटाकर दो महिला सदस्यों को शामिल करने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल ही रही है। वहीं बुधवार को देवास महापौर गीता अग्रवाल निर्वाचन संबंधी एक लंबित याचिका के मामले में न्यायालय में पेश हुई और अपना बयान दर्ज कराया। इस दौरान जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किये तो उन्होंने केवल इतना कहा कि अभी मामला न्यायालय में है, मैं कुछ नहीं कर सकती। बाकी सवालों को वे टाल गई। उल्लेखनीय है कि जुलाई 2022 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गीता दुर्गेश अग्रवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी विनोदिनी रमेश व्यास को 45 हजार से अधिक मतों से पराजित कर देवास महापौर के पद पर काबिज हुई थी। इस परिणाम के बाद कांग्रेस प्रत्याशी व्यास ने भाजपा प्रत्याशी द्वारा निर्वाचन के समय प्रस्तुत की गई अंकसूची पर सवाल उठाए थे। साथ ही अपने वकील के माध्यम से न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। बताया जा रहा है कि वर्ष 2022 से ही देवास महापौर को न्यायालय द्वारा बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे थे, किंतु वे न्यायालय में पेश नहीं हो रही थी। इसके बाद अग्रवाल ने हाईकोर्ट की शरण ली थी, जहां से उन्हें देवास न्यायालय में अपने बयान दर्ज कराने के लिए समयसीमा निर्धारित की गई थी। जिसके चलते बुधवार की दोपहर में महापौर गीता अग्रवाल अपने वकील के माध्यम से देवास न्यायालय में प्रथम अपर न्यायाधीश आदेश कुमार जैन के समक्ष पेश हुई और अपना बयान दर्ज कराया।