राजनितिक विश्लेषण- विजेंद्र उपाध्याय, देवास
देवास की राजनीति आज किसी से भी नहीं छुपी है, क्या चल रहा है हर कोई जानता है। लेकिन इस राजनीति में नया मोड़ जब आया जब प्रभारी मंत्री जीतू पटवारी ओर देवास-शाजापुर के सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी ने जिला योजना समिति की बैठक में बहस बाजी कर अपने पद की गरिमा पर सवाल उठाये। यहां कोंन सही है कोंन गलत है यह आम जनता नही जानती। वही कुछ लोगो का मानना है कि देवास की सुस्त पड़ी बीजेपी में उस घटनाक्रम से पार्टी में नई जान डल गयी है। देखा जाए तो कुछ तो हुआ जिससे बीजेपी के कार्यकर्ताओ में नई ऊर्जा आई।
वही कांग्रेस में मनोज राजानी के शहर अध्यक्ष बनने के बाद ओर कमलनाथ सरकार के बाद हर कार्यकर्ताओ में उत्साह और गर्मजोशी है।
जब दोनों ओर गर्मागर्मी हो तो मामला कहा ठंडा होने वाला है
इसी गर्मजोशी के मद्देनजर कल प्रभारी मंत्री जीतू पटवारी का देवास आकर सरकार के कार्यो के बारे में प्रेस जगत को बताना था लेकिन बीजेपी कार्यकर्त्ता भी कहाँ चुकने वाले थे वो भी अपने सांसद के साथ किये दूरव्यवहार का बदला लेने के लिए काले झंडे दिखाने के लिए विकासनगर चौराहा पर मंत्री पटवारी का इंतजार कर रहे हे। यह बात कांग्रेस कार्यकर्ताओ को कहा गवारा दे रही थी।
पुलिस प्रशासन के सामने शुरू हुई राजनीती जंग
एक और बीजेपी के कार्यकर्त्ता नारे लगा रहे थे तो दूसरी और कांग्रेस कार्यकर्ता उन्हें रोकने का प्रयास कर रहे थे। इस प्रयास में बहसबाजी हुई और कोंग्रेसियो द्वारा बीजेपी के कार्यक्रताओ पर पथराव भी किया गया वही कुछ कोंग्रेसी कार्यकर्ता के पास डंडा भी दिखा था। देवास पुलिस प्रशासन यदि अपनी सक्रियता नहीं दिखाती तो कुछ भी हो सकता था। इस राजनीती जंग को खत्म करने में डीएसपी किरण शर्मा, थाना प्रभारी ब्रजेश श्रीवास्तव, बीएनपी टीआई तारिश सोनी की अहम भूमिका रही।
अब आगे देखना यह हे की इस राजनीती के नए मोड़ में आगे क्या होने वाला हे, आगे आने वाले नगरनिगम के चुनाव पर क्या असर पड़ने वाला हे?