हमें बीजेपी के विरोध को हिंदुओं के विरोध के रूप में नहीं लेना चाहिए। यह एक राजनीतिक संघर्ष है जिसे जारी रहना चाहिए। उसे हिंदुओं से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।’ : भैया जी जोशी
संघ के सरकार्यवाह से प्रश्न किया गया था कि ‘क्यों हिंदू अपने ही समुदाय के दुश्मन बन गए हैं?’ इस प्रश्न के प्रत्युत्तर में उन्होंने उपरोक्त वक्तव्य दिया था।
उन्होंने आगे कहा, ‘एक हिंदू दूसरे हिंदू से इसलिए लड़ता है क्योंकि वह अपना धर्म भूल गया है। यहां तक कि छत्रपति शिवाजी महाराज को भी अपने परिवार में विरोध का सामना करना पड़ा था। जहां भी भ्रम और आत्म केंद्रित व्यवहार होगा वहां विरोध होगा।’
पणजी में ‘विश्वगुरु भारत- संघ के परिदृश्य में’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी के दौरान अपने संबोधन में भैयाजी जोशी ने कहा, भारत को हिंदुओं से अलग नहीं किया जा सकता। अगर आज भारत जीवंत है तो इसका कारण सिर्फ हिंदू ही हैं। इस देश के केंद्र में हिंदू हैं और जिसे भी यहां काम करना है, उसे हिंदू समुदाय के लिए काम करना होगा।’
इसी कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अगर किसी को देश में काम करना है तो उसे हिंदुओं के लिए काम करना होगा। जोशी ने गोवा में संघ के एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि जिसे भी आइडिया ऑफ इंडिया के लिए काम करना है, उसे हिंदुओं के सशक्तिकरण के लिए काम करना होगा।
‘किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, हिंदुओं को मिले प्राथमिकता’
जोशी ने यह भी कहा कि उनका मतलब यह नहीं है कि वह किसी समुदाय के खिलाफ हैं। वह बस यह कहना चाहते हैं कि प्राथमिक रूप से काम हिंदुओं के लिए होना चाहिए। हिंदू समुदाय का मतलब भारतीय जनता पार्टी (BJP) नहीं है। वहीं बीजेपी का विरोध करना हिंदुओं का विरोध करना नहीं है।
उन्होंने कहा, राजनीतिक लड़ाई जारी रहेगी लेकिन इसे हिंदुओं से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘जो भी (भारत में) काम करना चाहता है, उसे हिंदुओं के साथ और उनके कल्याण के लिए काम करना चाहिए. प्राचीन काल से ही हिंदुओं ने भारत के उत्थान और पतन को देखा है. भारत को हिंदू (समुदाय) से अलग करके नहीं देखा जा सकता. हिंदू हमेशा इस देश के केन्द्र में रहे हैं।’
जोशी ने कहा, ‘भारत कभी खत्म नहीं होगा। यह अकेला ऐसा देश है, जिसने इतना अधिक दमन देखा है। इसके बाद भी यह हमेशा आगे की ओर बढ़ा है। भारत अनंत काल तक रहेगा। इसका मतलब यह है कि हिंदू समाज का कभी अंत नहीं होगा।’
समाचार स्रोत : नवभारत टाइम्स