फरियादिया के घर के सामने पडोसी व उसके परिवार वाले आपस में झगड रहे थे। फरियादिया के मना करने पर आरोपिया ने कि थी मारपीट।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी, राजेन्द्र खांडेगर एवं एडीपीओ सुश्री मधुलिका मेव सहायक मीडिया सेल प्रभारी जिला देवास द्वारा बताया कि दिनांक 08.07.2015 को सुबह समय 7ः30 बजे की घटना है। फरियादिया अवंताबाई के मकान के पास अभियोक्त्री का मकान है, अभियोक्त्री के परिवारवालों में घटना के दो दिन पूर्व आपसी झगडा हो गया था। तब फरियादिया अवंताबाई ने उनसें कहा कि मेरे घर के सामने मत लडो, अपने घर के सामने जाकर लडो। इसी बात को लेकर राधेष्याम, तेजूबाई तथा अभियोक्त्री ग्यारसीबाई घटना वाले दिन फरियादिया के घर के सामने आये और बोले कि हमारे घर के झगडे में तू क्यों बोलती है, तेजूबाई ने फरियादिया का गला पकडा तथा अभियोक्त्री ग्यारसीबाई ने कुल्हाडी की मारी, जो फरियादिया अवंताबाई के बायें हाथ की कलाई में लगी जिससे खून निकलने लगा। फरियादिया की बहू तथा श्यामू ने बिचबचाव किया और फरियादिया को छुडवाया। अभियोक्त्री एवं उसके परिवारवाले जाते-जाते जान से मारेन की धमकी दे कर गये। फरियादिया की उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना कोतवाली में अपराध पंजीबद्व कर पूर्ण विवेचना पष्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी देवास, जिला देवास द्वारा अभियोक्त्री ग्यारसीबाई पति-राधेेश्याम, उम्र-45 वर्ष, निवासी-बिहारीगंज जिला देवास को धारा 323 भा.द.वि. के अंतर्गत दंडनीय अपराध के आरोप में दोषी पाते हुए तीन माह का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
उक्त प्रकरण में शासन की ओर से श्री चंदरसिंह परमार सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, जिला देवास द्वारा सफल पैरवी संपादित की गई। कोर्ट मोहरिर धर्मेन्द्र बाघेला का विशेष सहयोग रहा।