पैथालॉजी में जांच शुल्क, शासन द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक ना लिया जाए
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देवास जिले के प्रायवेट नर्सिंग होम/अस्पताल में जांच/उपचार शुल्क लिस्ट चस्पा करें
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कलेक्टर श्री चंद्रमौली शुक्ला ने निजी अस्पताल/नर्सिंग होम के चिकित्सकों की बैठक लेकर दिए निर्देश
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देवास 09 अप्रैल 2021/ कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने गुरुवार को जिले में संचालित निजी नर्सिंग होम,/प्रायवेट अस्पताल के चिकित्सकों की बैठक ली। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एम पी शर्मा, डॉ.केके कल्याणे सहित जिले में संचालित निजी नर्सिंग होम/प्रायवेट अस्पताल के चिकित्सक उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर शुक्ला ने बताया कि में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या प्रदेश सहित जिले में भी बढ़ रही है। शासकीय संस्थाओं में आवश्यक जांच व उपचार किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिए जिले के निजी नर्सिंग /होम प्राइवेट अस्पतालों में भी कोरोनावायरस संक्रमित व्यक्तियों के उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। वर्तमान में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में काम आने वाले रेमडीसिविर इंजेक्शन के उपयोग की ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा “रिस्ट्रिक्टेड इमरजेंसी यूज़” के लिए ही अनुमति दी गई है। इसका उपयोग कोरोना नियंत्रण एवं उपचार की गाइडलाइन अनुसार ही किया जाए। रेमडीसिविर इंजेक्शन का उपयोग इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन के अंतर्गत रिस्ट्रिक्टेड इमरजेंसी यूज़ के लिए ही मान्य है। इस परिस्थिति को छोड़कर चिकित्सक इस इंजेक्शन को प्रिसक्राइब न करें और न ही फार्मासिस्ट प्रदान करें। कोरोना का इलाज कर रहे चिकित्सक द्वारा अपने प्रिस्क्रिप्शन पर उन इमरजेंसी परिस्थितियों का उल्लेख किया जाए, जिनमें यह इंजेक्शन दिया जाना आवश्यक है। रेमडीसिविर इंजेक्शन के उपयोग के लिए भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय जारी “अपडेटेड क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकोल फॉर कोविड-19” का पालन सुनिश्चित किया जाए। रेमडीसिविर इंजेक्शन का रिकॉर्ड औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत संधारित किया जाए तथा निरीक्षण के दौरान जाँच अधिकारी को प्रस्तुत किया जाए।
बैठक में प्राइवेट नर्सिंग होम में कोविड-19 मरीजों का पूर्ण उपचार सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सभी को सुनिश्चित करना होगी। शासन की गाइड लाइन के अनुसार चिकित्सालय में आने वाले मरीजों का उपचार किया जाए जिन मरीजों की जांच आवश्यक है उनकी जांच मध्यप्रदेश शासन द्वारा निर्धारित शुल्क लिया जाए उससे अधिक शुल्क किसी भी पैथोलॉजी में ना लिया जाए। अस्पतालों में आईसीयू बेड की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए अगर कोई क्रिटिकल मरीज आता है तो उसे तत्काल उपचार मिले। निजी नर्सिंग होम प्राइवेट अस्पतालों में चार्ज शुल्क की लिस्ट चस्पा की जाएं। कोविड-19 गाइडलाइन का पालन किया जाए के निर्देश दिए गए।