मनोबल बढाकर ही किया जा सकता है जीवन की चुनैतियों का सामना – सुधांशु जी महाराज

देवास। कमजोर मनोबल वाले व्यक्ति रोजमर्रा के जीवन मे आने वाली मुसीबतों और चुनैतियों का सामना नही कर सकते। ईश्वर आराधना और सच्चे मन से की गई प्रार्थना से मनोबल बढाया जा सकता है। सुबह उठने के बाद पहला पल भगवान से प्रार्थना का है जिस तरह भोजन का पहला ग्रास गौमाता का है। मर्यादा पूर्ण जीवन और खुद के लिए तय किये और अपनाएं अनुशासन से जीवन को सरल बना सकते है। यह विचार विश्व जागृति मिशन के संस्थापक एवं आध्यात्मिक गुरु सुधांशु महाराज ने प्रतापनगर स्थित नर्मदेश्वर मंदिर के समीप अपने संक्षिप्त प्रवचन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आप शक्ति की उपासना करते हैं तो यह जानना जरूरी है कि शक्ति माता के आठ हाथ है, लेकिन सिर एक है। इसका मतलब है कि विचार एक हो और काम करने वाले हाथ अनेक हो। ऐसा होने पर ही शक्ति विराजमान होती है। शक्ति फिर शेर पर सवार होकर चलती है। उन्होंने कहा कि जंगल में एक आजाद प्राणी है और वह शेर है। हाथी कितना भी शक्तिशाली है, लेकिन रात्रि में हाथी का झुंड एकत्रित होता है और सोता है तो दो हाथी पहरा देते हैं, जबकि शेर 16 घंटे सोता है, दिन में भी सोता है उसे फिक्र ही नहीं है कि कोई आकर उसे छेड़ेगा और अगर छेड़ेगा तो फिर पता है क्या होगा। इसलिए आप कमजोर न बने। हर व्यक्ति को अपने अंदर की शक्ति को बढ़ाना चाहिए। आजाद वह है जो निडर है, जो डर कर जी रहा है वह गुलाम है। महाराज श्री ने कहा कि जो व्यक्ति ईश्वर विमुख है, वह सबसे गया-गुजरा है। मुनष्य को जो देह मिली है, वह पदार्थों को इकठ्ठा करने के लिए नहीं बल्कि ईश्वर तक पहुंचने के लिए मिली है। वहां तक नहीं पहुंच पाए तो यह जीवन निरर्थक चला जाएगा। स्तुति, जप, संकीर्तन जरूर करना चाहिए। ये साधन ईश्वर के समीप ले जाते हैं ।
मीडिया से चर्चा में आपने देवासवासियों के लिए मंगल कामना की और युवाओं में बढ़ते तनाव के लिए धैर्य के साथ आत्मबल बढ़ाने और मुस्कुराकर हर चुनौती का सामना करने की बात कही। विश्व जागृति मिशन देवास में दीक्षार्थी सज्जन सिंह परमार के प्रताप नगर में नर्मदेश्वर महादेव मंदिर गार्डन का भूमिपूजन सुधांशु महाराज ने किया। उन्होंने पौधारोपण भी किया। सुधांशु महाराज के प्रवचन सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। कार्यक्रम के पूर्व रामशरणम के इंदर सिंह नागर ,सविता सोनी,सुनील अयाचित ने भजनों की प्रस्तुति दी । कार्यक्रम का संचालन मोहन वर्मा ने किया और आभार हेमेंद्र सिंह परमार ने माना।

Post Author: Vijendra Upadhyay