ऐतिहासिक शिकांगों भाषण पर किया स्वामी विवेकानंद प्रतिमा पर माल्यार्पण
देवास। 11 सितंबर 1893 में भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। इस दिन भारत को विश्व की दृष्टि में एक महत्वपूर्ण स्थान स्वामी विवेकानंद जी के द्वारा मिला स्वामी जी ने दो ही शब्दों से विश्व के उपस्थित 4 हजार लोगों का दिल जीत लिया। यह बात स्वामी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए अमित राव पवार ने कही उन्होंने आगे कहा की अमेरिका के शिकांगों नगर में विश्व सर्वधर्म सभा सदन में स्वामी जी ने अपने भाषण में कहा कि हम विश्व के सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। ‘मुझे गर्व है कि मैं उस देश से हूं जिसने सभी धर्मों को शरण दी है। मुझे गर्व है कि मैं ऐसे धर्म से हूं जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता औऱ सार्वभौमिक स्वीकृति का ज्ञान दिया। हम विश्व के सभी धर्मों को बराबर सम्मान देते हैं। हमने अपने दिल में इजरायल की पवित्र यादें संजोकर रखी हैं। जब रोमन हमलावरों ने उनके धार्मिक स्थानों का विध्वंस कर दिया तो उन्होंने दक्षिण भारत में आकर शरण ली। हम सताए हुए लोगों को शरण देते हैं।’ आज से 132 वर्ष पूर्व दिए गए भाषण की स्मृति में प्रेस क्लब के माध्यम से माल्यापर्ण किया गया। इस अवसर पर रघुनंदन समाधियां, जितेंद्र मारू अभिषेक सोनी, रोहित उपाध्याय, शितिज घार्गे, कमल अहीरवार आदि उपस्थित रहे। आभार प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री ललित शर्मा जी ने माना।