– विश्व शांति ,निराशा को दूर करने एवं आशा के संचार के लिए विश्व स्तरीय 1 वर्ष का बाबा नाम केवलम अखंड कीर्तन शुरू
देवास। आनंद मार्ग प्रचारक संघ देवास के भुक्ति प्रधान दीपसिंह तंवर एवं जिला सचिव आचार्य शांतव्रतानन्द अवधूत ने बताया कि आनंद मार्ग के केंद्रीय कार्यालय आनंदनगर स्थित कीर्तन मंडप में विश्व शांति के लिए दिन में 3 बजे अष्टाक्षरी सिद्ध महामंत्र बाबा नाम केवलम का कीर्तन प्रारम्भ हुआ। यह कीर्तन देवास,उज्जैन, इंदौर, भोपाल सहित छत्तीसगढ़ , मध्य प्रदेश एवं भारतवर्ष के प्रत्येक राज्य एवं दुनिया के 160 देशों से 1 वर्ष यानि 21 अगस्त 2023 तक अपने सुविधानुसार भक्तगण कीर्तन में भाग लेंगे। प्रतिदिन आठ समूह होंगे समूह में कीर्तन करने वालों की संख्या की संख्या की कोई सीमा नहीं एवं प्रत्येक समूह 3 घंटा कीर्तन करेंगे।
इस तरह प्रत्येक दिन 24 घंटा का कीर्तन सफल होगा एवं अगले दिन फिर दूसरे 8 समूह होंगे इस तरह 21 अगस्त 2023 तक प्रत्येक दिन बिना रुके अखंड कीर्तन चलते रहेगा। भोजन एवं ठहरने की व्यवस्था भी की गई है। आचार्य ह्रदयेश ब्रह्मचारी ने बताया कि कीर्तन की महिमा पर सेवा धर्म मिशन के जनरल सेक्रेट्री आचार्य सवितानन्द अवधूत ने कहा कि विश्व शांति के लिए यह 1 वर्षीय कीर्तन की शुरुआत की गई है ,बहिर्मुखी और जड़ाभिमुखी चिन्तन ही वैश्विक अशांति का मूल कारण है। मनुष्य के हिंसक प्रवृति के कारण वातावरण में भय और चित्कार का तरंग बह रहा है। संयमित जीवन सात्विक आहार, विचार और व्यवहार से विश्व अशांति को हराया जा सकता है। कीर्तन मानवीय संवेदना को मानसाध्यात्मिक स्तर में ले जाकर परम-शांति का रसपान कराता है।
भाव विह्वल होकर जब मनुष्य परम पुरुष को पुकारता है तो उसके अंदर आशा का संचार होता है। कीर्तन करने से उसका आत्मविश्वास और संकल्प शक्ति बहुत मजबूत हो जाता है। सामूहिक कीर्तन करते हैं तब उन लोगों की मात्र शारीरिक शक्ति ही एकत्रित होती है ऐसी बात नहीं है उनकी मिलित मानस शक्ति भी एक ही भावधारा में एक ही परम पुरुष से प्रेरणा प्राप्त कर एक ही धारा में एक ही गति में बहती रहती है इसलिए मिलित जड़ शक्ति और मिलित मानसिक शक्ति इस पंचभौतिक जगत का दुख कलेश दूर करती है। उक्त जानकारी हेमेन्द्र निगम ने दी।