चेक बाउंस के केस में सजा

देवास। परिवादी राजेन्द्र सिंह निवासी देवास द्वारा आरोपी दिलीप पिता अम्बाराम आंजना के विरूद्ध धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 की तहत 10,00,000 /- रू. के चेक बाउंस का प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, देवास द्वारा आरोपी दिलीप को 3 माह के कारावास एवं 10,60,000/- के प्रतिकर से दंडित किया गया।
साजिशों को दिया अंजाम-
सिंह ने बताया कि दिलीप द्वारा मुझे 2 वर्ष बाद का चेक सौंपा गया था, जब चेक बैंक में लगाने की तारीख नजदीक आई तो दिलीप ने साजिश रचते हुए चेक गुम हो जाने का आवेदन थाने में सोपा था,इतना ही नही दिलीप ने झूठे हस्ताक्षर की बात से प्रकरण में बचने का प्रयास किया था, लेकिन न्यायालय को गुमराह करने की उसकी साजिश नाकाम रही और कोर्ट ने उचित न्याय किया। उक्त प्रकरण में परिवादी की ओर से अभिभाषक प्रवीण शर्मा,दिनेश पालीवाल, चेतन राठौड़, आकाश अवस्थी ने पैरवी की।

Post Author: Vijendra Upadhyay